राछां का तोड़ा सै / Rachchha Ka Toda Sa
"राछां का तोड़ा सै"
एक बार एक गांव में एक खात्ती ने अपनी घरवाली की पिटाई कर दी ।
एक बार एक गांव में एक खात्ती ने अपनी घरवाली की पिटाई कर दी ।
खात्तिण जा पहुंची कूऐं में छ्लांग लगाने - पर कूऐं पर पहुंच कर वो डर गई और वहीं बैठ कर रोने लगी ।
गांव की कुछ और औरतें वहां पर इकट्ठी हो गई
और उससे पूछने लगी - "आंहे, खात्ती नै तू क्यूकर पीटी - उसनै तेरै थप्पड़ मारे, लात-घूसे मारे अक डंडे ?"
खात्तिण सुबक-सुबक कै बोल्ली - "उस अनपूते धोरै के राछां का तोड़ा सै
खात्तिण सुबक-सुबक कै बोल्ली - "उस अनपूते धोरै के राछां का तोड़ा सै
"दो भूत"
दो भूत बतलावे थे. एक बोलया के यार तनने कदे जाट देखया से? दूसरा बोलया के रहण दे यार, यो जाट वाट कुच्छ ना होता - यो तो खाममख्हा तेरे दिल का बेहम से|
दो भूत बतलावे थे. एक बोलया के यार तनने कदे जाट देखया से? दूसरा बोलया के रहण दे यार, यो जाट वाट कुच्छ ना होता - यो तो खाममख्हा तेरे दिल का बेहम से|