दिल को छू लेने वाली शायरी
जनाब मत पूछिए हद हमारी गुस्ताखियों की ,
हम आईना ज़मीं पर रखकर आसमां कुचल दिया करते है ।
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वही आंगन, वही खिड़की, वही दर याद आता है,
मैं जब भी तन्हा होता हूँ, मुझे घर याद आता है...!!
" किसी ने फूल से पूछा की जब तुम्हें
तोड़ा गया तो तुम्हें दर्द नहीं हुआ "
"फूल ने जवाब दिया तोड़ने वाला इतना खुश
था की मैं अपना दर्द भी भूल गया "....
मिली थी जिन्दगी
किसी के 'काम' आने के लिए..
पर वक्त बीत रहा है
कागज के टुकड़े कमाने के लिए..
क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..?
ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र मे 'अलमारी..'
और ये मौत के फ़रिश्ते तो
'रिश्वत' भी नही लेते...
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इसे सिर्फ अपने तक ही मत रखो शेयर करके
दूसरों को भी बताओ।
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