नवरात्र के छठा दिन यानि मां कात्यायनी की पूजा
पंडित रामप्रसाद के अनुसार :- आश्विन शुक्ल षष्ठी यानि शारदीय नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा जायेगी। मां दुर्गा के छठे स्वरूप को कात्यायनी कहते हैं। कात्यायनी महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी इच्छानुसार उनके यहां पुत्री के रूप में पैदा हुई थीं।
महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की थी, इसीलिए ये कात्यायनी के नाम से प्रसिद्ध हुईं। मां कात्यायनी अमोद्य फलदायिनी हैं। दुर्गा पूजा के छठे दिन इनके स्वरूप की पूज की जाती है। मां कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्यों को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है।
माँ का भोग:-
भोग 1: इस दिन माता को भोग में शहद दिया जाता है. माता कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से उपवासक की आकर्षण शक्ति में वृ्द्धि होती है. भोग लगाने के बाद दान करें.
भोग 2: सुबह 9:00 से पहले 6 अमरुद माँ को अर्पित करके शाम को प्रसाद के रूप मैं ग्रहण करो व बाटों
भोग 3: शोभन योग होने के कारण आज माता को दही का भोग लगाएं।
उपासना मंत्र :-
चंद्रहासोज्जवलकरा शाइलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
'या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
माता को प्रिय पुष्प:-
लाल रंग के पुष्प विशेषतया गुलाब
माता को माला, पुष्पादि अर्पित भी किया जाता है
आज के दिन छोटी कन्याओं को दिये जाने वाला उपहार:-
छठे दिन बच्चियों को खेल-सामग्री देना चाहिए। आजकल बाजार में खेल सामग्री की अनेक वैरायटी उपलब्ध है। पहले यह रिवाज पांचे, रस्सी और छोटे-मोटे खिलौनों तक सीमित था। अब तो ढेर सारे विकल्प मौजूद है।
आज के दिन किस रंग का वस्त्र धारण करें:-
लाल-सफेद
उपवास/व्रत में आज क्या जरूर खाएं:-
Green Vegetables (हरी सब्जीयां)
आज किये जाने वाले विशेष उपाय:-
शाम के समय किसी हनुमान मंदिर में जाएं हनुमानजी को केवड़े का इत्र व गुलाब की माला चढ़ाएं, बिना चूना लगा हुआ एक मीठा पान चढ़ाएं (पान में इलायची और लौंग जरूर हो) और एक सरसौं के तेल का (2 लौंग डालकर) और एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद वहीं बैठकर हनुमान चालीसा, राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।
जिस जातक की जन्म कुंडली में शुक्र प्रतिकूल भाव, प्रतिकूल राशि या प्रतिकूल ग्रहों के साथ स्थित हो उन जातक-जातिकाओं को मां कात्यायनी के मंत्र का जाप करने से ग्रह प्रतिकूलता का निवारण हो जाता है। विशेषतः वृषभ और तुला राशि के लोग मां कात्यायनी की आराधना करें तो संपूर्ण समस्याओं का निवारण हो जाएगा।
सुख समृधि तथा ऐश्वर्या की प्राप्ति के लिए पके हुए मिटटी के घड़े में लाल रंग से रंगकर उसके मुख पर कलावा बांधकर उसपर जटा वाला नारियल रखकर जल में प्रवाहित करें।
महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की थी, इसीलिए ये कात्यायनी के नाम से प्रसिद्ध हुईं। मां कात्यायनी अमोद्य फलदायिनी हैं। दुर्गा पूजा के छठे दिन इनके स्वरूप की पूज की जाती है। मां कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्यों को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है।
माँ का भोग:-
भोग 1: इस दिन माता को भोग में शहद दिया जाता है. माता कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से उपवासक की आकर्षण शक्ति में वृ्द्धि होती है. भोग लगाने के बाद दान करें.
भोग 2: सुबह 9:00 से पहले 6 अमरुद माँ को अर्पित करके शाम को प्रसाद के रूप मैं ग्रहण करो व बाटों
भोग 3: शोभन योग होने के कारण आज माता को दही का भोग लगाएं।
उपासना मंत्र :-
चंद्रहासोज्जवलकरा शाइलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
'या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
माता को प्रिय पुष्प:-
लाल रंग के पुष्प विशेषतया गुलाब
माता को माला, पुष्पादि अर्पित भी किया जाता है
आज के दिन छोटी कन्याओं को दिये जाने वाला उपहार:-
छठे दिन बच्चियों को खेल-सामग्री देना चाहिए। आजकल बाजार में खेल सामग्री की अनेक वैरायटी उपलब्ध है। पहले यह रिवाज पांचे, रस्सी और छोटे-मोटे खिलौनों तक सीमित था। अब तो ढेर सारे विकल्प मौजूद है।
आज के दिन किस रंग का वस्त्र धारण करें:-
लाल-सफेद
उपवास/व्रत में आज क्या जरूर खाएं:-
Green Vegetables (हरी सब्जीयां)
आज किये जाने वाले विशेष उपाय:-
शाम के समय किसी हनुमान मंदिर में जाएं हनुमानजी को केवड़े का इत्र व गुलाब की माला चढ़ाएं, बिना चूना लगा हुआ एक मीठा पान चढ़ाएं (पान में इलायची और लौंग जरूर हो) और एक सरसौं के तेल का (2 लौंग डालकर) और एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद वहीं बैठकर हनुमान चालीसा, राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।
जिस जातक की जन्म कुंडली में शुक्र प्रतिकूल भाव, प्रतिकूल राशि या प्रतिकूल ग्रहों के साथ स्थित हो उन जातक-जातिकाओं को मां कात्यायनी के मंत्र का जाप करने से ग्रह प्रतिकूलता का निवारण हो जाता है। विशेषतः वृषभ और तुला राशि के लोग मां कात्यायनी की आराधना करें तो संपूर्ण समस्याओं का निवारण हो जाएगा।
सुख समृधि तथा ऐश्वर्या की प्राप्ति के लिए पके हुए मिटटी के घड़े में लाल रंग से रंगकर उसके मुख पर कलावा बांधकर उसपर जटा वाला नारियल रखकर जल में प्रवाहित करें।