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मिर्गी के लक्षण , बचाव , कारण क्या हैं ? Mirgi ke lakshan, karan , Desi Upchar

Epilepsy yani Mirgi के Gharelu Nuskhe
मिर्गी का दोरा बहुत कम लोगों को होता है जिसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं। चिंता, शोक, भय, गुस्सा, जलन, द्वेष आदि नकारात्मक बुरे भाव के कारण साँस लेने, रक्त संचार, हाजमा, मल-मुत्र पर बुरा असर पड़ता है। बहुत ज्यादा हस्तमैथुन, बहुत ज्यादा शराब पीना, बहुत ज्यादा मानसिक और शारीरिक मेहनत करना, मौसम के दोष, गाव और चोट आदिकारणों से मिर्गी रोग हो सकता है. मानशिक रूप से दुर्बल लोग इस रोग से जल्दी ग्रसित होते है।

 

मिर्गी के लक्षण, बचाव , कारण क्या हैं ?  Mirgi (Epilepsy) Lashan :- 
अचानक बेहोश हो जाना और बेहोशी के साथ थोड़ी बहुत अकड़न होना। बेहोशी आने से पहले  रोगी को पता नही चलता की उसे कब दौरा पड़नेवाला है। बाते करते-करते, चलते-चलते, बोलते-बोलते रोगी अचनाक से बेहोश होकर निचे गिर जाता है। अकड़न से रोगी की गर्दन टेढ़ी पड़ जाती है, आँखे फटी-फटी सी, पलके स्थिर, मुंहमे फेना, रोगी हाथ-पैर पटकता है, दांती लग जाती या किसी-किसी की जीभ भर आ जाती है। किसी-किसी को अंजाने में पेशाब भी निकल जाता है। साँस लेने मेतकलीफ होता है. दिल की धड़कन बढ़ना, दिल सुना-सुना लगना, पसीना आना, काम-काज कीतरफ़ से अपनीसुध बुध भूलजाना आदि लक्षणहै. भिन्न-भिन्न रोगियो मे भिन्न-भिन्न लक्षण दिखाई देते  है। जो इस प्रकार हैं :-

1)  मिर्गी-MIRGIरोग मे 2 कपदूध मे 1/4 कप मेहंदी के पत्तो का रस मिलाकर देने से EPILEPSY (मिर्गी-MIRGI) रोगी को उमीद से अधिक लाभ होगा। यह इलाज रोज सुबह खाने के 2 घंटे बाद करे। इस इलाज को 45 दिन तक करे।


2)  तुलसी के पत्तो के रस मे ज़रा सा सेधा नमक मिलकर 1-1 बूँद नाक मे टपकाने और इसके पत्तो को पीसकर शरीर पर मलने या उबटन लगाने से मिर्गी-MIRGI के रोग मे लाभ मिलता है।

3)  लहसुन को तेल मे सेक कर रोज खाए EPILEPSY (मिर्गी-MIRGI) मे लाभ होगा।


4)  मिर्गी-MIRGI केरोगी के पैरोके तलवो मे आक की 8-10 बूंदे रोज शाम को मले. 30-45 दिन मे मिर्गी-MIRGI मे लाभ होगा और मिर्गी-MIRGI दूर हो जाएगी।

5)  EPILEPSY (मिर्गी-MIRGI) का दौरा पड़ने परनींबू का रस25 ग्राम आक के पत्तो का रस  24 ग्राम दोनो को मिलकर नाक मे पीचाकारी देने से मिर्गी-MIRGI हमेशा के दूर हो जाती है।

6)  25 ग्राम शहतूत कारस पिलाते रहे। यदि शहतूत का मौसम नही है तो सेब का रस या सेब का मुरब्बा खाने को दे याले। मिर्गी-MIRGI रोग मे फाएदेमंद है।

7)  शरीफे के पत्तो को पीसकर उसका पानी रोगी की नाक के दोनो ओर 2-2 बूंदे डालने से बेहोशी से तुरंत होश आने लगेगा।

8)  शराबी मिर्गी-MIRGI रोगी शराब पीकर बकवास कर रहा हो तो खीरे के रस  मे नींबू निचोड़ कर पिलाए. होश  मे आ जाएगा।

9)  मिर्गी-MIRGI मे ज़रा साहीग, नींबू के साथ चूसने के लाभ होता ह।

10)  मिर्गी-MIRGI(EPILEPSY) घरेलू इलाज- 3 म.ल   प्याज का रस सुबह थोड़ा-सा पानी मिलकर पीने से मिर्गी-MIRGI आना बंद हो जाता है। यह नुस्ख़ा कम से कम 40 दिन दे। मिर्गी-MIRGI के दौरे मे  प्याज या सडा हुआ प्याज या उसका रस सुंघाने से होश जल्दी आ जाता है।

11)  मिर्गी-MIRGI मे बेहोश रोगी को लहसुन कूट-पीसकर सुंघाने से होश आ जाता है। 10 काली दूध मे उबालकर रोज खिलाने से मिर्गी-MIRGI रोग दूर हो जाता है। यह उपचार लंबे समय तक करे।

12)  तुलसी की पत्तियो के साथ कपूर सुंघाने से मिर्गी-MIRGI के रोगी को होश आ जाता है।

13)  करोंदे के 30 पत्ते छाछमे पीसकर 15 दिनरोज EPILEPSY (मिर्गी-MIRGI) रोगी को दे। मिर्गी-MIRGI आना बंद हो जाएगी. यह असिडिटी,गैस से पैदा हुई मिर्गी-MIRGI मे विशेष रूप से उपयोगी नुस्खा है।

14)  मिर्गी-MIRGI  मेरोगी बेहोश होजाता है तब राई पीसकर चूरनबना ले औरमिर्गी-MIRGI के समयरोगी को सुघादे  EPILEPSYरोगी की बेहोशी दूर हो जाएगी।

15)   आक के जड़की छाल कोबकरी के दूधमे पीसकर रख ले। मिर्गी-MIRGI के दौरे के समय इसे सुंघाने से बेहोशी तुरंत दूर हो जाती है।