किल, मुँहासे, फोड़ा, दाना, और छालों का देशी उपचार / Acne , boil , Pimple or Blister Ka Deshi Upchar
आज कोई लड़के या लड़की के लिए किल (Keel) , Pimple (दाना) , Acne (मुँहासे) , Blister (छाला) और boil (फोड़ा) चहरे पर होना आम समस्या बन गई है। लेकिन हम सब जानते भी है कि ये रोग काफी बुरे है अच्छे खासे लड़के या लड़की को बदसूरत बना देते है। यह बीमारी किसी को भी नव युवा या नव युक्ति को हो सकती है। आयुर्वेद में दाना , मुँहासे , छाला और फोड़ा का काफी असर दर इलाज है जो घरेलु उपचार के रूप में अपना सकते है।
किल, मुँहासे, फोड़ा, दाना, और छालों के होने का कारण :-
यह रोग युवक-युक्तियों दोनों को सामान रूप से होता है। यह मुख्यतः वश ग्रंथियों के विकार और ग्रंथियों के असंतुलन से होता है। युवको में अंडकोष के अंतस्राव और युक्तियों में डिंब के अंतस्राव के विकार, भोजन के विकार, अधिक कसरत, कार्बोहाइड्रेट और वासा की चीज़ो का अधिक खाने से और बहुत जड़ा हस्तमैथुन करने आदि कारण से मुँहासे हो जाते है। जब ताती, पेशाब, सांस के रास्ते, शरीर की अंदरुनी गंदगी बहार नही निकल पाती तो वो ये गंदगी नया रास्ता खोजते है और चेहरे पर मुँहासे यानि Pimple निकल आते है।
किल, मुँहासे, फोड़ा, दाना, और छालों के लक्षण :-
मुँहासे युवा अवस्था में होने वाला रोग शोथयुक्त चरम रोग है। मुँहासे में किशोरावस्था के युवक और युक्तियों के मुह पर कीले (फुंसियाँ) निकल आती है। जो आगे चलकर बहुत सख्त हो जाती है। और इनमे पीप पद जाती है। हलके ढंग के मुँहासे के दाने का मुह निकला होता है और दबाने पर उसमे से चर्बीयुक्त कीले निकलती है, मुँहासे अधिक बढ़ जाये तो सुन्दर चेहरा भी भादा सा दिखाई देता है।
किल, मुँहासे, फोड़ा, दाना, और छालों का देशी उपचार :-
हल्दी और कठे के चूर्ण को मिलाकर पीस ले। और कील-मुँहासे पर लगये, चेहरा साफ़ हो जायेगा।
दूध में चन्दन व हल्दी पीसकर रात को शरीर व चेहरे पर मेलने से मुँहासे व दाङ्ग ठीक हो जायेगे।
निम्बू के पेड़ की अंत छाल चन्दन की तरह घिसकर मुँहासे पे लगने से बहुत ज्यादा फायदा होता है।
त्रिफला चूर्ण में बेहसन और हल्दी मिलकर उसका लेप मुशाओ पर लगने से, मुँहासे नही निकलते है।
एक एक चुटकी भर फिटकरी और सुहागा समान मात्र में दही में मिलकर लगने से मुँहासे खत्म हो जायेगे।
शरीर में कही काले दाग या चक्कते हो, टमाटर काटकर पट्टी बांध ले कुस्च दिन में त्वचा अपने रंग में आ जाएगी।
मसूर की डाल ५० ग्राम, हल्दी १० ग्राम, निम्बू का रस मिलकर जल के साथ पीसकर लेप करने से मुँहासे ठीक हो जायेंगे।
लाल चन्दन, जायफल और कालीमिर्च सामान भाग में पीसकर पानी डालकर लेप बनाकर मुँहासे पर लगायें आपके मुँहासे ठीक हो जायेगे।
अमलतास पेड़ की छाल, लोध्र, आमा हल्दी, नागरमोथा, नारंगी के छिलके बारबार-बराबर लेकर पानी में पीस कर मुह पर लेप करे व सूखने पर धो डेल, इससे मुँहासे ख़त्म हो जायेगे।
फिटकरी और काली मिर्च सामान मात्र में पीसकर गाढ़ा लेप मुहासों में लगये। अच्छा हो साथ में चन्दन भी घिस ले। रात को लेप लगकर सो जाये और सुबह मुंह धो ले फिर हलकी से क्रीम लगा ले।
25 ग्राम अजवाइन को 20 ग्राम दही और 20 ग्राम बेशन में पीसकर रात को सोने से पहले मुहासों पर लेप को रात भर चेहरे पे रहने दे। सुबह उठने के साथ कुनकुने पानी से चेहरा धो लें। जल्दी ही मुँहासे ठीक हो जायेंगे।
बादाम 1 नग, मुनका 1 नग रात को पानी में भिगोकर रख दे। सुबह उन्हें मसल कर चयन ले। फिर उसी पानी में बेशन, हल्दी और महीन जौ का आटा मिलकर पेस्ट बना कर मुंह पर फेस पैक की तरह लगये मुँहासे थी हो जायेगे।
संतरे के तने की चल, संतरे के फल का छिलका और उसके पाती सब पीसकर बेशन-दही के मिश्रण में डालकर मुँहासों पर लेप करे। इस लेप को और अभी अधिक प्रभावशाली करने के शहद की कुछ बुँदे उसमे दाल ले। इस लेप दाग भी ठीक हो जायेगे।
मुल्तानी मिटटी को भिगोकर पीस ले। उसमे पीसी हल्दी, जौ का महीन आता और कपूर मिलकर पेस्ट बना सुबह नहाने से पहले या रात को सोने से पहले चेहरे पर उभरे मुहासों पे लगये। सूखने पर पानी में हल्का नमक डालकर धो लें मुँहासे एक दम ठीक हो जायेगे।
केला, अमरुद, संतरा, सेब आदि को पीसकर फल मिश्रण कर ले। इस मिश्रण में दही और पीसी हुई हल्दी मिलाये। साथ में तुलसी की 2 बुँदे डालकर इससे बनाये गए मुखलेप का सुबह शाम काम से काम एक महीने तक प्रयोग करे। निश्चय ही मुहासों में बहुत जड़ा फायदा होगा।
मुल्तानी मिट्टी के साथ मेहदी और आँवला को भिगोकर रात भर रख दे। सुबह सबको मिलकर उसमे पीसी हुई हल्दी, दही, मक्खन, जौ का आटा, गेहूँ का महीन पीसा हुआ आटा, चने का आटा, मक्के का आटा मिलाकर (सभी आधा मुठी ) लेप बनाकर मुहासों पर लगाये। मुँहासे निकलना बंद हो जायेगे।
दो तोला बादाम, 3 बून्द इत्र, कपूर का अर्क, 3 रत्ती, गुलाब-जल 3 पाँव और चन्दन का तेल एक तोला लेकर पहले पदम को गुलाब जल में पीसकर छान ले, बाद में बाकि चीज़े को छाने हुए जल में मिलाकर एक शीशी में भरकर रख ले, इसके नियमित प्रयोग से मुँहासे, फुन्शी आदि रोग दूर हो जाते है।
नीम की निबोली या नीम का फल को छाछ में घिसकर मुहासों पे लगाये इससे मुँहासे ठीक हो जायेगे। आम, जामुन और बेर की गुठली को एक साथ मिलकर कूटपीस ले, और इनके छिलके को जितना अलग कर सकते उतना अलग कर ले इस लेप को सुबह शाम मुहासों पे लगाये। तो मुँहासे ठीक हो जायेंगे।
मसूर की डाल को पोटेशियम परमैंगनेट के जल में घोलकर उसके दवारा गुलभी रंग ले। रगने के बाद दाल लप सुखकर एकदम महीन पीस ले। इस पीसी हुई डायल में उसमे चौथाई हिस्सा अरारोट को भली प्रकार मिलकर शीशी में भर ले। थोड़ा सा लगते समय गाय का दूध, घी या पानी में पेस्ट बनकर लगये मुँहासे बहुत फायदा होगा।
मजीठे को पीसकर कुरान बनाकर उसमे शहद मिलाकर मुह पर लेप करे। इसे और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए ज़रा सी हल्दी आउट चन्दन का महीन चूर्ण भी डाल सकते है। नहाने से पहले इसका मुह पर लेप करे, फिर थोड़ी देर धुप में बैठकर धुप का सेवन करे फिर ठन्डे पानी से मुंह धूल ले। मुँहासे नही निकलेगे और दाग के निशान भी ख़त्म हो जायेगे।
सफ़ेद मुल्तानी मीठी को मजीठा, लाल चन्दन, अनन्तमूल, अंडसा, सफ़ेद चन्दन, केशर का बराबर भाग में पानी मिलकर पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को सुबह नहने से पहले चेहरे पर लगा कर धूप ले बैठे। जब लेप सुख जाये तो नहने बैठे तो धीरे- धीरे रगड़ते हुए जल से साफ़ करे। यदि किसी मोटे कपडे से लेप को रगड़ के छुड़ाए वो ज्यादा असरदार है। मुँहासे दूर करें में यह राम बाण इलाज है।
एक बड़ा चम्मच मसूर की दाल, आधा चम्मच सरसो के बीज और 2-3 चम्मच बादाम को एक साथ बारीक पीसकर इसमें निम्बू का रस मिला ले। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर सूखने दे। ध्यान रहे, इसके इस्तमाल से आपको जलन महसूस हो सकते होगी और आँखों से अंशु भी निकल सकते है। लेकिन घबराने की कोई बात नही है। जिन लड़के व लड़कियों के बहुत जड़ा मुँहासे निकलते है उनके लिए ये पेस्ट बहुत कारगर है। लगातर 5-6 महीने इस लेप को लगाने से आपके मुँहासे व दाग एक दम गायब हो जायेंगे।
पान की जड़ को पीस ले और थोड़े पानी में मिलाकर चेहरे पे लगा ले। पान की जड़ किसी भी परचून की की दुकान या पान वाले के पास अशनि से मिल जाएगी। यदि आपको बहुत ज्यादा मुँहासे है तब इसे फेस पैक की तरह प्रयोग करे। इस प्रक्रिया में 7-8 दिन लग जाते है और चेहरा सूज जाता है। लेकिन 10 दिन बाद सूजन उत्तर जाती है और त्वचा उतरनी शुरुर हो जाती है। आप स्वयं कभी उंगलियो से त्वचा उतरने की कोशिश न करे बल्कि अपने आप उतरने दे। अगर आप ऐसा करेंगे तो घाव और दाग पड़ सकते है।
किल, मुँहासे, फोड़ा, दाना, और छालों के होने का कारण :-
यह रोग युवक-युक्तियों दोनों को सामान रूप से होता है। यह मुख्यतः वश ग्रंथियों के विकार और ग्रंथियों के असंतुलन से होता है। युवको में अंडकोष के अंतस्राव और युक्तियों में डिंब के अंतस्राव के विकार, भोजन के विकार, अधिक कसरत, कार्बोहाइड्रेट और वासा की चीज़ो का अधिक खाने से और बहुत जड़ा हस्तमैथुन करने आदि कारण से मुँहासे हो जाते है। जब ताती, पेशाब, सांस के रास्ते, शरीर की अंदरुनी गंदगी बहार नही निकल पाती तो वो ये गंदगी नया रास्ता खोजते है और चेहरे पर मुँहासे यानि Pimple निकल आते है।
किल, मुँहासे, फोड़ा, दाना, और छालों के लक्षण :-
मुँहासे युवा अवस्था में होने वाला रोग शोथयुक्त चरम रोग है। मुँहासे में किशोरावस्था के युवक और युक्तियों के मुह पर कीले (फुंसियाँ) निकल आती है। जो आगे चलकर बहुत सख्त हो जाती है। और इनमे पीप पद जाती है। हलके ढंग के मुँहासे के दाने का मुह निकला होता है और दबाने पर उसमे से चर्बीयुक्त कीले निकलती है, मुँहासे अधिक बढ़ जाये तो सुन्दर चेहरा भी भादा सा दिखाई देता है।
किल, मुँहासे, फोड़ा, दाना, और छालों का देशी उपचार :-
हल्दी और कठे के चूर्ण को मिलाकर पीस ले। और कील-मुँहासे पर लगये, चेहरा साफ़ हो जायेगा।
दूध में चन्दन व हल्दी पीसकर रात को शरीर व चेहरे पर मेलने से मुँहासे व दाङ्ग ठीक हो जायेगे।
निम्बू के पेड़ की अंत छाल चन्दन की तरह घिसकर मुँहासे पे लगने से बहुत ज्यादा फायदा होता है।
त्रिफला चूर्ण में बेहसन और हल्दी मिलकर उसका लेप मुशाओ पर लगने से, मुँहासे नही निकलते है।
एक एक चुटकी भर फिटकरी और सुहागा समान मात्र में दही में मिलकर लगने से मुँहासे खत्म हो जायेगे।
शरीर में कही काले दाग या चक्कते हो, टमाटर काटकर पट्टी बांध ले कुस्च दिन में त्वचा अपने रंग में आ जाएगी।
मसूर की डाल ५० ग्राम, हल्दी १० ग्राम, निम्बू का रस मिलकर जल के साथ पीसकर लेप करने से मुँहासे ठीक हो जायेंगे।
लाल चन्दन, जायफल और कालीमिर्च सामान भाग में पीसकर पानी डालकर लेप बनाकर मुँहासे पर लगायें आपके मुँहासे ठीक हो जायेगे।
अमलतास पेड़ की छाल, लोध्र, आमा हल्दी, नागरमोथा, नारंगी के छिलके बारबार-बराबर लेकर पानी में पीस कर मुह पर लेप करे व सूखने पर धो डेल, इससे मुँहासे ख़त्म हो जायेगे।
फिटकरी और काली मिर्च सामान मात्र में पीसकर गाढ़ा लेप मुहासों में लगये। अच्छा हो साथ में चन्दन भी घिस ले। रात को लेप लगकर सो जाये और सुबह मुंह धो ले फिर हलकी से क्रीम लगा ले।
25 ग्राम अजवाइन को 20 ग्राम दही और 20 ग्राम बेशन में पीसकर रात को सोने से पहले मुहासों पर लेप को रात भर चेहरे पे रहने दे। सुबह उठने के साथ कुनकुने पानी से चेहरा धो लें। जल्दी ही मुँहासे ठीक हो जायेंगे।
बादाम 1 नग, मुनका 1 नग रात को पानी में भिगोकर रख दे। सुबह उन्हें मसल कर चयन ले। फिर उसी पानी में बेशन, हल्दी और महीन जौ का आटा मिलकर पेस्ट बना कर मुंह पर फेस पैक की तरह लगये मुँहासे थी हो जायेगे।
संतरे के तने की चल, संतरे के फल का छिलका और उसके पाती सब पीसकर बेशन-दही के मिश्रण में डालकर मुँहासों पर लेप करे। इस लेप को और अभी अधिक प्रभावशाली करने के शहद की कुछ बुँदे उसमे दाल ले। इस लेप दाग भी ठीक हो जायेगे।
मुल्तानी मिटटी को भिगोकर पीस ले। उसमे पीसी हल्दी, जौ का महीन आता और कपूर मिलकर पेस्ट बना सुबह नहाने से पहले या रात को सोने से पहले चेहरे पर उभरे मुहासों पे लगये। सूखने पर पानी में हल्का नमक डालकर धो लें मुँहासे एक दम ठीक हो जायेगे।
केला, अमरुद, संतरा, सेब आदि को पीसकर फल मिश्रण कर ले। इस मिश्रण में दही और पीसी हुई हल्दी मिलाये। साथ में तुलसी की 2 बुँदे डालकर इससे बनाये गए मुखलेप का सुबह शाम काम से काम एक महीने तक प्रयोग करे। निश्चय ही मुहासों में बहुत जड़ा फायदा होगा।
मुल्तानी मिट्टी के साथ मेहदी और आँवला को भिगोकर रात भर रख दे। सुबह सबको मिलकर उसमे पीसी हुई हल्दी, दही, मक्खन, जौ का आटा, गेहूँ का महीन पीसा हुआ आटा, चने का आटा, मक्के का आटा मिलाकर (सभी आधा मुठी ) लेप बनाकर मुहासों पर लगाये। मुँहासे निकलना बंद हो जायेगे।
दो तोला बादाम, 3 बून्द इत्र, कपूर का अर्क, 3 रत्ती, गुलाब-जल 3 पाँव और चन्दन का तेल एक तोला लेकर पहले पदम को गुलाब जल में पीसकर छान ले, बाद में बाकि चीज़े को छाने हुए जल में मिलाकर एक शीशी में भरकर रख ले, इसके नियमित प्रयोग से मुँहासे, फुन्शी आदि रोग दूर हो जाते है।
नीम की निबोली या नीम का फल को छाछ में घिसकर मुहासों पे लगाये इससे मुँहासे ठीक हो जायेगे। आम, जामुन और बेर की गुठली को एक साथ मिलकर कूटपीस ले, और इनके छिलके को जितना अलग कर सकते उतना अलग कर ले इस लेप को सुबह शाम मुहासों पे लगाये। तो मुँहासे ठीक हो जायेंगे।
मसूर की डाल को पोटेशियम परमैंगनेट के जल में घोलकर उसके दवारा गुलभी रंग ले। रगने के बाद दाल लप सुखकर एकदम महीन पीस ले। इस पीसी हुई डायल में उसमे चौथाई हिस्सा अरारोट को भली प्रकार मिलकर शीशी में भर ले। थोड़ा सा लगते समय गाय का दूध, घी या पानी में पेस्ट बनकर लगये मुँहासे बहुत फायदा होगा।
मजीठे को पीसकर कुरान बनाकर उसमे शहद मिलाकर मुह पर लेप करे। इसे और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए ज़रा सी हल्दी आउट चन्दन का महीन चूर्ण भी डाल सकते है। नहाने से पहले इसका मुह पर लेप करे, फिर थोड़ी देर धुप में बैठकर धुप का सेवन करे फिर ठन्डे पानी से मुंह धूल ले। मुँहासे नही निकलेगे और दाग के निशान भी ख़त्म हो जायेगे।
सफ़ेद मुल्तानी मीठी को मजीठा, लाल चन्दन, अनन्तमूल, अंडसा, सफ़ेद चन्दन, केशर का बराबर भाग में पानी मिलकर पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को सुबह नहने से पहले चेहरे पर लगा कर धूप ले बैठे। जब लेप सुख जाये तो नहने बैठे तो धीरे- धीरे रगड़ते हुए जल से साफ़ करे। यदि किसी मोटे कपडे से लेप को रगड़ के छुड़ाए वो ज्यादा असरदार है। मुँहासे दूर करें में यह राम बाण इलाज है।
एक बड़ा चम्मच मसूर की दाल, आधा चम्मच सरसो के बीज और 2-3 चम्मच बादाम को एक साथ बारीक पीसकर इसमें निम्बू का रस मिला ले। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर सूखने दे। ध्यान रहे, इसके इस्तमाल से आपको जलन महसूस हो सकते होगी और आँखों से अंशु भी निकल सकते है। लेकिन घबराने की कोई बात नही है। जिन लड़के व लड़कियों के बहुत जड़ा मुँहासे निकलते है उनके लिए ये पेस्ट बहुत कारगर है। लगातर 5-6 महीने इस लेप को लगाने से आपके मुँहासे व दाग एक दम गायब हो जायेंगे।
पान की जड़ को पीस ले और थोड़े पानी में मिलाकर चेहरे पे लगा ले। पान की जड़ किसी भी परचून की की दुकान या पान वाले के पास अशनि से मिल जाएगी। यदि आपको बहुत ज्यादा मुँहासे है तब इसे फेस पैक की तरह प्रयोग करे। इस प्रक्रिया में 7-8 दिन लग जाते है और चेहरा सूज जाता है। लेकिन 10 दिन बाद सूजन उत्तर जाती है और त्वचा उतरनी शुरुर हो जाती है। आप स्वयं कभी उंगलियो से त्वचा उतरने की कोशिश न करे बल्कि अपने आप उतरने दे। अगर आप ऐसा करेंगे तो घाव और दाग पड़ सकते है।
