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पेट की गैस का घरेलू और देशी उपाय / Gas Ka Gharelu ilaj in Hindi

आज के समय में हर किसी को कभी ना कभी पेट गैस की परेशानी जरुर होती है इसके कई कारण हो सकते है लेकिन मुख्य कारण हम हमारे खाने को मानते है। जिसे पेट में हवा भरने को आध्मान, उदर-वायु, आफरा, आना, गैस भरना, गैस बनना, वायु इकट्ठी होना कहते है। उदर-वायु एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट में वायु एकत्रित होती है। आँतों और पेट दोनों में एक साथ वायु, अपच, कब्ज के कारण एकत्रित होती है। वायु निगलने से जो वायु पेट में एकत्रित होती है उसे स्नायविक उदर-वायु कहते है। गर्भावस्था में वायु एकत्रित होने से बहुत बेचैनी होती है। पेट में अधिक वायु एकत्रित होने से पेट फूल जाता है। कभी हृदय में फड़फड़ाहट होने लगती है और लोग इसे हृदय रोग समझ लेते है। यह पेट की खराबी से होता है। इसे कभी पेट भी सख्त हो जाता है।


 

हमे स्वस्थ रहने के लिए भोजन में मसाले की भी आवसयक हैं। प्रायः हल्दी, धनिया, नमक, मिर्च मसालों के रूप में प्रयोग किये ही जाते हैं। हींग भूनकर सेवन करने से वायु (वात) प्रकृति, जीरा पित्त प्रक्रति एवं गर्म मसाले कफ प्रकृति को ठीक रखते हैं। रूखा भोजन वायु को बढ़ाता है। पेट में वायु अधिक रूखे भोजन के कारण बनती है। जिनको वायु अधिक बनती है, भोजन में चिकनाई, तेल, घी का प्रयोग करना चाहिये। रूखे भोजन का प्रयोग माँसाहारी करते है, क्योकि माँस में चर्बी का आधिक्य होता है। भोजन में मसाले युक्त सब्जियाँ, घी, दूध, दही, मीठा शामिल हो तो यह श्रेष्ठ भोजन है।




पेट की गैस के घरेलू और देशी उपचार :-

गुड़- खाने के बाद गुड़ खाने से उदर-वायु ठीक होती है।
करेला- गैस ठीक करने में करेले की सब्जी, रस बड़ा लाभदायक है।
अरहर- अरहर पेट में गैस पैदा करती है। गैस के रोगी इसे नहीं खाएँ।
शक्कर में दालचीनी का तेल 4-5 बून्द डालने से गैस में आराम मिलता है।
आलू- कच्चे आलू का रस आधा-आधा कप दो बार पीने से गैस दूर हाती है।
गाजर  का रस एक कप में दो चम्मच शहद मिलाकर पिने से गैस ख़त्म होती है।
दूध- दूध उबालते समय उसमें एक पीपल डालकर दूध पीने से वायु नहीं बनती।
हींग, कला नमक, अजवाइन- तीनो सब्जी में डालकर खाने से गैस नही बनती है।
सहजन- पेट में वायु संचय में सहजन की सब्जी (फूल या फली की) लाभदायक है।
बथुआ- बथुआ का साग, रस, इसका उबला हुआ पानी पीने से गैस ठीक हो जाती है।
सुबह बासी मुँह आधा चम्मच कड़ी अजवाइन सादे पानी में लेने से गैस में आराम मिलता है।
फूल गोभी- कच्ची गोभी व गाजर का रस समान मात्रा में मिलाकर पीयें, गैस नहीं बनेगी।
अमरूद- अमरूद से गैस दूर होती है। इसे सैंधे नमक के साथ सुबह-शाम खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है।
दालचीनी- गैस से पेट दर्द को यह नष्ट करती है। इसे अल्प मात्रा में ही लें, अधिक मात्रा में नुकसान करती है।
जीरा- जीरा सेक कर, पीस कर, एक चम्मच जीरा, एक चम्मच शहद में मिलाकर नित्य खाना खाने के बाद चाटें।
जायफल- जायफल को नीबू के रस में घिसकर चाटने से दस्त साफ होकर गैस दूर हो जाती है, दस्त आने लगते हैं।
धनिया- दो चम्मच सूखा धनिया एक गिलास पानी में उबाल कर छान कर उस पानी को तीन बार बराबर मात्रा में पीयें।
मूली-  भोजन के साथ मूली पर नमक, काली मिच्र डालकर दो माह तक नित्य खाने से उदर-वायु, आफरा, गैस नहीं बनता।
काली मिर्च- दस काली मिर्च पीस लें। गर्म पानी में नीबू निचोड़ कर सुबह-षाम इसकी फँकी लें। इससे गैस आना बन्द हो जायेगा।
पोदीना- प्रातः काल एक गिलास जल में 25 ग्राम पोदीने का रस, 31 ग्राम शहद मिलाकर पीने से गैस की बीमारी में विषेष लाभ होता है।
अदरक- 6 ग्राम अदरक बारीक काटकर थोड़ा-सा नमक लगाकर दिन में एक बार 10 दिन भोजन से पहले खायें। इससे पेट की गैस दूर होगी।
लौंग- 5 लौंग पीसकर उबलते हुए आधा कप पानी में डालें, फिर कुछ ठण्डा होने पर पीयें। इस प्रकार तीन बार नित्य करें। इससे पेट की गैस निकल जायेगी।
एक कली लहसुन कच्चा सुबह बासी मुँह जल से ले। जिनको आव. अल्सर, या अम्लता की तकलीफ हो वो कच्चा लहसुन न ले।
हरड़ छोटी वाली पानी में भिगो दे और और इसको खाने बाद चूसे। गर्म दूध में एक चम्मच अदरक रस डालकर पीने से गैस में लाभ होता है।
खाने के पहले कौर में गैसनाशक चूर्ण 1-2 चम्मच और 5-10 बून्द देसी घी डालकर खाए फिर अपना भोजन करे। असरदार आयुर्वेदिक नुस्खा भी है गैस दूर करने का।

सौंफ- नीबू के रस में भीगी हुई सौंफ को भोजन के बाद खाने से पेट का भारीपन दूर होता है, गैस निकलती है, भूख लगती है तथा मल भी साफ होता है।
पानी- गैस होने पर खाना खाने के बाद एक गिलास गरम-गरम पानी, जितना गरम पिया जा सके, लगातार कुछ सप्ताह पीते रहने से गैस ठीक हो जाती है।
हल्दी- पेट में जब गैस एकत्रित हो जाती है तो बड़ा दर्द होता है। ऐसी स्थिति में पिसी हुई हल्दी और नमक पाँच-पाँच ग्राम गरम पानी से लें। तुरन्त लाभ होगा।
नमक- सेंधा नमक एक भाग, देषी चीनी (बूरा) चार भाग, दोनों मिलाकर बारीक पीस लें। आधा चम्मच नित्य तीन बार गरम पानी से लेने से वायु-गोला एवं गैस ठीक हो जाती है।
सेब- सेब का रस पाचन-अंगों पर पतली तह चढ़ा देता है जिससे वे संक्रमण और बदबू से बचे रहते हैं। गैस (वायु) उत्पन्न होना रूक जाता है। मलाषय और निचली आँतों में दुर्गन्ध, संक्रमण नहीं होता।
दाना मेथी 100 ग्राम तवे पर अधि कच्ची, आधी पकी भून ले  फिर इसे कूट ले और इसमें 25 ग्राम नमक मिला ले। 2-2 चम्मच सुबह शाम गर्म पानी से फक ले  इससे आपको गैस की समस्या नही होगी।
बैगन- पेट में गैस बनती हो, पानी पीने के बाद पेट इस प्रकार फूलता है, जैसे फुटबाल में हवा भर जाती है। ताजा लम्बे बैंगन की सब्जी जब तक मौसम में बैंगन रहें, खाते रहें। इससे गैस की बीमारी दूर हो जायेगी।
अजवाइन- 6 ग्राम पिसी हुई अजवाइन में डेढ़ ग्राम काला नमक मिलाकर भोजन के बाद गरम पानी से फाकी लेने से आफरा मिटता है। अजवाइन पेट की वायु को बाहर निकालती है। भोजन में किसी भी रूप में अजवाइन लेनी चाहिए।
मेथी- मेथी का शाक गैस में लाभ करता है। दाना मेथी, अर्जुन की छाल, कैर, आँवला समान मात्रा में पीस कर 1-1 चम्मच ठंडे पानी से प्रातः भूखे पेट फँकी लेने से गैस, पेट का भारीपन, भूख ठीक लगना, शरीर में हल्कापन रहता है।
नारंगी- इससे यकृत रोग ठीक होते है। गैस या किसी भी कारण से जिनका पेट फूलता हो, भरा रहता हो, अपच हो, उनके लिए यह लाभकारी है। प्रातः नारंगी का रस एक गिलास पी लिया जाये तो आँतें साफ हो जाती हैं, जिससे कब्ज नहीं रहती।
हींग- हींग को गर्म पानी में घोलकर नाभि के आसपास लेप करें तथा एक ग्राम हींग भूनकर किसी भी चीज के साथ खाने से लाभ होता है। यदि पेट-दर्द गैस भरने से हो तो दो ग्राम हींग आधा किलो पानी में उबालें। चैथाई पानी रहने पर गर्म-गर्म पीयें।
दस पिसी हुई काली मिर्च फाकी कर ऊपर से गर्म पानी में नीबू निचोड़ कर सुबह-शाम पीते रहने से गैस बनना बन्द हो जाती है।
6 काली मिर्च, 3 लौंग स्वादानुसार रोटी सब्जी में डाला जाने वाला नमक एक कप पानी में उबाल कर पीने से गैस बनना बन्द हो जाता है।

सरसों का तेल- नाभि के स्थान से हटने से सही काम न करने से प्रायः पेट में गैस, दर्द, भूख न लगना आदि होते है। इनको दूर करने के लिए नाभि को सही बैठाना चाहिए। नाभि पर सरसों का तेल लगाने से लाभ होता है। रोग की तीव्रता होने पर रूई का फोया सरसों के तेल में भर कर नाभि पर रख सकते है, इसको पट्टी से बाँध सकते हैं।साँस- भोजन के बाद सीधे लेटकर आठ लम्बे साँस लें, फिर दाहिनी करवट लेकर सोलह साँस लें और अन्त में बाँयी करवट लेकर बत्तीस लम्बे साँस लें। इस क्रिया से, किया हुआ भोजन यथास्थान पहुँच जायेगा। गैस मुँह से डकार के रूप में या गुदा से अपान वायु के रूप में उसी समय निकल जाती है। यह छोटा-सा नुस्खा सदा अपने तकिये के पास लिखा हुआ रखें और यह क्रिया करें, गैस से बचे रहें।

बाजार में बहुत से गोली टेबलेट जो गैस की प्रॉब्लम ठीक करने दवा करते है वो छडिक असर करते है. अगर आप थोड़ी मेहनत करे एक आसान आयुर्वेदिक नुस्खा आपको बताता हूँ-  सोंठ(अदरक सुखी), काली मिर्च, पीपर, सीधा नमक, सफ़ीद जीरा, सादा जीरा 10-10 ग्राम चूर्ण में , 5 ग्राम सबसे बाध्य ओर्जिनल हींग घी में भूनकर सब चीज़े 10-10 ग्राम की मात्र में मिला दे
और तैयार विश्व की सबसे असरदार गैसनाशक चूर्ण तैयार है।  कोशीश करिये बिना लगे आप क्यों फालतू केमिकलस पियेंगे।