Breaking News

मोच आने पर देशी व घरेलू उपाय किस प्रकार से करें ?

प्रिय मित्रों,
जब हम कभी खेलते हैं या किसी ऊँचे स्थान से घिरने पर हमारे शरीर के किसी हिस्से में गुम चोट लग जाती है। जिसे उस जगह सुजन हो जाती है और लगता की मानो कोई हडडी टूट गई हो। इसी को मोच का नाम दिया गया है। मोच में जोड़ के अस्थि-बंधन या आस-पास के ऊतकों में टूटना, फटना या चोट हो जाना। यह बहुधा जोड़ के स्थान पर अचानक झटका लगने, मुड़ जाने या फिसल जाने के फलस्वरूप होता है। समानयतया कलाई, टखने और कोहनी के जोड़ में अक्सर मोच आ जाती है।


मोच आये हुए स्थान पर मामूली चोट का निशान, दर्द, सूजन हो सकता है। रोगी अपने प्रभावित अंग को हिलाने डुलने व चलने में असमर्थ रहता है। प्रभावित अंग को ज्यादा डुलाने व चलने में असमर्थ रहता है।  प्रभावित अंग को ज्यादा हिलाये डुलाये नहीं और उसे सहारा दे, पट्टी दवरा भी सहरा दे सकते है।



मोच आने पर देशी व घरेलू उपाय :-



अंदरुनी चोट या मोच आ जाने पर तारपीन के तेल की धीरे-धीरे मालिश करनी चाहिए।

गेहूँ का आट। या बेसन १० ग्राम में पीसी हुई हल्दी ५ ग्राम मिलाये, अब इसे थोड़े से तिल या अलसी या सरसो के तेल में भून ले। इस मोच वाली जगह पर हलकी ग्राम ही पोटली में बांधकर रखे। मोच में यह जल्दी लाभ पहुँचती है। मोच की सूजन दूर करके रक्त संचार खोल देती है।

चना पट्टी की लुगदी भी मोच का निवारण करती है।

चोट-मोच के करम सूजन बनी हो तो रोज २ बार नहाने के बाद सूजन पर मिट्टी का तेल लगये। सूजन व दर्द में बहुत आराम मिलेगा।

चोट-मोच के कारण सूजन हो तो मेथी के पत्तो को तेल में भुने और दर्दवाले हिस्से पर फैलाकर पट्टी बांध दे। मोच  में आराम मिल जायेगा।

जहा मोच आई हो वह सरसो का तेल लगाकर पीसी हुई हल्दी छिड़क दे और उस जगह को किसी कपडे से ढक दे. अब एक कपडे में नमक की पोटली बंदकर तवे पर गर्म करके उस कपडे के ऊपर से ही मोच वाली जगह पर सके. यह क्रिया आधा घंटा करे. सूघ तक मोच उतर जाएगी।

तिल की खेल पीसकर पानी डालकर  ग्राम करे और ग्राम ग्राम ही मोच पर बढे। इससे दर्द में लाभ होगा। मोच में भेड़ के दूध की मालिश सुबह शाम करे। इससे मोच में बहुत अधिक फायदा होगा।

तुलसी के पत्तों का रस मोच पर लगने से बहुत ज्यादा लाभ होगा।

नमक को तवे पर खूब ग्राम करे और गर्म-गर्म हे मोटे कपडे में बांध कर मोच वाली जगह को सेकने से आराम मिल जाता है।
मोच आ गई तो नारियल की गिरी को महीन पीसकर उसमे चौथाई भाग हल्दी का चूर्ण मिलकर, पोटली बांधकर आग पर ग्राम कारक मोच पर सेकिये, रात को सोते समय कुनकुना बांध दीजिये मोच ठीक हो जाएगी।

मोच आ जाने बर्फ रगड़ देने से सूजन नही आती है।

मोच के कारण उत्पन सूजन पर तेजपत्ता पीसकर लेप लगने से सूजन मिटने के साथ साथ आराम भी आता है।

मोच के जगह पर सरसो का तेल लगाकर उस पर हल्दी-पाउडर छिड़के और छोटे तौलिये से धक दे। एक कपडे में नमक की पोटली बांध ले। इसे गैस पर तवे के ऊपर गरम करे।

मोच के स्थान पर चने रख कर कड़ा बांधे और पानी से तर रखे। इससे चने फूलते जाते है और नस बैठती जाती है।

हाथ-पैर में मोच (स्प्रेन) आ गई हो तो आक के पत्ते को चिकना कर नमक लगाकर उस स्थान पर बांध दीजिये। आक का पत्ता न उपलब्ध हो तो पान या आम के पत्ते का उपयोग कर कर सकते है। पान पर तेल चुपड़कर गरम करके बांधे ।