उलटी क्यों लगती है और इसके देशी घरेलू उपाय क्या हैं ?
नमस्ते दोस्तो ,
दोस्तो उलटी लगने के कई कारण होते हैं जेसे - बस में सफर करने से किसी गंदी वस्तु को देखने से या कुछ गंदी चीज खाने से etc. उलटी लगने से वैसे तो हमे घबराहट होती है लेकिन कई लोगो के बिच उलटी लगने पर शर्म भी महसूस होती है इसलिए हमे इसका समय पर ही इलाज कर लेना चाहिए ।
उलटी रोकने के कुछ घरेलु व देशी उपाय :-
अदरक- उलटी रोकने में अदरक बहुत गुणकारी है। अदरक का रस 1 चम्मच लेकर जरा-सा सेंधा नमक व कालीमिर्च बुरक लें और चाट लें। आवष्यकता पड़े तो घंटे भर बाद 1 खुराक और ले लें। (2) अदरक का रस, प्याज का रस और पानी प्रत्येक एक-एक चम्मच मिला कर पीने से उलटी बन्द हो जाती है।
आँवला- यदि गर्भावस्था में उलटी हो तो दो-दो मुरब्बे के आँवले नित्य चार बार खिलाने से उलटी बन्द हो जायेगी।
इमली- पकी इमली को पानी में भिगोकर रस पीने से उलटी ठीक हो जाती है।
उलटी बन्द करने के लिए दो लौंग और जरा-सी दालचीनी एक कप पानी में उबालें। आधा पानी रहने पर छान कर पिलायें। इस तरह जब भी उलटी हो तो पिलाते रहें। उलटियाँ बन्द हो जायेंगी।
केला- पका हुआ केला खाने से रक्त की उलटी होेना बन्द हो जाता है।
गन्ना- पित्त की उलटी होने पर गन्ने के रस में शहद मिलाकर पीने से लाभ होता है।
चना- रात को चने भिगो दें। प्रातः इनका जल निकाल कर पीयें। गर्भवती को उलटी हो तो भूने हुए चने का सत्तू पिलायें।
जीरा- चार नीबूओं का रस 50 ग्राम सेंधा नमक, 125 ग्राम जीरा डालकर भीगता रहने दें। भीगते-भीगते जब नीबू का रस सूख जाये और सूखा जीरा ही बच जाये तब उसे निकाल कर शीषी में भरें। नित्य तीन बार इसका आधा-आधा चम्मच लें। इससे गर्भावस्था की उलटी रूकेगी
तरबूज- खाने के बाद कलेजा जले, फिर पीली-पीली उलटी हो तो प्रातः तरबूज के रस में मिश्री मिलाकर पीयें।
तुलसी- तुलसी की पत्तियों का रस पीने से उलटी बन्द हो जाती है। शहद और तुलसी की पत्तियों का रस मिलाकर चाटने से भी उलटी, जी मिचलाना ठीक हो जाता है।
दालचीनी- पित्त की उलटी हो तो दालचीनी पीसकर शहद में मिलाकर चाटें।
धनिया-(1)-धनिया उबाल कर मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है।
धनिया-(2)- हरा धनिया कूट कर, निचोड़ कर इसका 33 ग्राम रस पिलाने से उलटी रूक जाती है। गर्भवती की उलटी भी बन्द हो जाती है। इसे बार-बार पिलायें।
नारंगी- (1) जी मिचलाने पर नारंगी के सेवन से लाभ होता है। मोटर आदि से यात्रा करते समय नारंगी का सेवन करते रहना चाहिए।
नारंगी- (2) नारंगी के सूखे छिलके पीसकर उसकी दुगनी मात्रा में चीनी मिला कर पुनः पीस लें। इसकी दो चम्मच हर दो घंटे से ठंडे पानी से फँकी लेने से उलटी होना बन्द हो जाता है।
नीबू- जी मिचलाना आरम्भ होते ही नीबू का सेवन करना चाहिए। इससे उलटी नहीं होती। नीबू में शक्कर और काली मिर्च दोनों भरकर चूसने से भी उल्टी बन्द हो जाती हैं ठण्डे पानी में नीबू और शक्कर मिलाने से नीबू का शरबत बन जाता है। यह मिचली और उलटी ठीक करता है। नीबू के रस की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर पिलायें, षिषु दूध नहीं उलटेगा। पोदीना और नीबू दोनों एक साथ सेवन करने से भी उलटी बन्द हो जाती है। नीबू में इलायची भर कर चूसने से भी लाभ होता है। उलटी में नीबू को गरम नहीं करना चाहिए।
नीम- 25 ग्राम नीम के पत्ते पीसकर 125 ग्राम पानी में छान कर पीने से सभी प्रकार की उलटियाँ ठीक हो जाती है।
पिस्ता- चार पिस्ता खाने से उलटी, जी मिचलाना ठीक हो जाता है।
पोदीना- उलटी में आधा कप पोदीने का रस हर दो घण्टे में पिलायें। इसमें नीबू भी मिला सकते है। हरा धनिया और पोदीने की चटनी बार-बार खाने से लाभ होता है।
प्याज- अदरक और प्याज का रस दो चम्मच पिलाने से उलटी बन्द हो जाती है।
फूल गोभी- फूल गोभी में क्षारीय तत्व होते हैं। यह एक रक्त शोधक है। रक्त की उलटी में इसकी सब्जी खाने से कच्ची ही खाने से लाभ होता है। क्षय रोगी इसे लें।
बर्फ- बार-बार उलटी होने पर बर्फ चूसने से उलटी बन्द हो जाती है।
राई- दुस्साध्य उलटियों को रोकने के लिए राई का लेप आष्चर्यजनक वस्तु है। राई पीस कर, पेट पर गीला मलमल का कपड़ा बिछा कर उस कपड़े पर राई का लेप कर दें। इसे 15 मिनट रहने दें। फिर हटा दें। उलटियाँ बन्द हो जायेंगी। यह अनुभूत है।
लौंग- चार लौंग कूटकर एक कप पानी में डाल कर उबालें। आधा पानी रहने पर छान कर स्वाद के अनुसार मीठा मिलाकर पीकर करवट लेकर सो जायें। दिन भर में ऐसी चार मात्रा लें। उलटियाँ बन्द हो जाती है।
शहद- प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से उलटी बन्द हो जाती है।
हरड़- हरड़ को पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से उलटी बन्द हो जाती है।
दोस्तो उलटी लगने के कई कारण होते हैं जेसे - बस में सफर करने से किसी गंदी वस्तु को देखने से या कुछ गंदी चीज खाने से etc. उलटी लगने से वैसे तो हमे घबराहट होती है लेकिन कई लोगो के बिच उलटी लगने पर शर्म भी महसूस होती है इसलिए हमे इसका समय पर ही इलाज कर लेना चाहिए ।
उलटी रोकने के कुछ घरेलु व देशी उपाय :-
अदरक- उलटी रोकने में अदरक बहुत गुणकारी है। अदरक का रस 1 चम्मच लेकर जरा-सा सेंधा नमक व कालीमिर्च बुरक लें और चाट लें। आवष्यकता पड़े तो घंटे भर बाद 1 खुराक और ले लें। (2) अदरक का रस, प्याज का रस और पानी प्रत्येक एक-एक चम्मच मिला कर पीने से उलटी बन्द हो जाती है।
आँवला- यदि गर्भावस्था में उलटी हो तो दो-दो मुरब्बे के आँवले नित्य चार बार खिलाने से उलटी बन्द हो जायेगी।
इमली- पकी इमली को पानी में भिगोकर रस पीने से उलटी ठीक हो जाती है।
उलटी बन्द करने के लिए दो लौंग और जरा-सी दालचीनी एक कप पानी में उबालें। आधा पानी रहने पर छान कर पिलायें। इस तरह जब भी उलटी हो तो पिलाते रहें। उलटियाँ बन्द हो जायेंगी।
केला- पका हुआ केला खाने से रक्त की उलटी होेना बन्द हो जाता है।
गन्ना- पित्त की उलटी होने पर गन्ने के रस में शहद मिलाकर पीने से लाभ होता है।
चना- रात को चने भिगो दें। प्रातः इनका जल निकाल कर पीयें। गर्भवती को उलटी हो तो भूने हुए चने का सत्तू पिलायें।
जीरा- चार नीबूओं का रस 50 ग्राम सेंधा नमक, 125 ग्राम जीरा डालकर भीगता रहने दें। भीगते-भीगते जब नीबू का रस सूख जाये और सूखा जीरा ही बच जाये तब उसे निकाल कर शीषी में भरें। नित्य तीन बार इसका आधा-आधा चम्मच लें। इससे गर्भावस्था की उलटी रूकेगी
तरबूज- खाने के बाद कलेजा जले, फिर पीली-पीली उलटी हो तो प्रातः तरबूज के रस में मिश्री मिलाकर पीयें।
तुलसी- तुलसी की पत्तियों का रस पीने से उलटी बन्द हो जाती है। शहद और तुलसी की पत्तियों का रस मिलाकर चाटने से भी उलटी, जी मिचलाना ठीक हो जाता है।
दालचीनी- पित्त की उलटी हो तो दालचीनी पीसकर शहद में मिलाकर चाटें।
धनिया-(1)-धनिया उबाल कर मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है।
धनिया-(2)- हरा धनिया कूट कर, निचोड़ कर इसका 33 ग्राम रस पिलाने से उलटी रूक जाती है। गर्भवती की उलटी भी बन्द हो जाती है। इसे बार-बार पिलायें।
नारंगी- (1) जी मिचलाने पर नारंगी के सेवन से लाभ होता है। मोटर आदि से यात्रा करते समय नारंगी का सेवन करते रहना चाहिए।
नारंगी- (2) नारंगी के सूखे छिलके पीसकर उसकी दुगनी मात्रा में चीनी मिला कर पुनः पीस लें। इसकी दो चम्मच हर दो घंटे से ठंडे पानी से फँकी लेने से उलटी होना बन्द हो जाता है।
नीबू- जी मिचलाना आरम्भ होते ही नीबू का सेवन करना चाहिए। इससे उलटी नहीं होती। नीबू में शक्कर और काली मिर्च दोनों भरकर चूसने से भी उल्टी बन्द हो जाती हैं ठण्डे पानी में नीबू और शक्कर मिलाने से नीबू का शरबत बन जाता है। यह मिचली और उलटी ठीक करता है। नीबू के रस की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर पिलायें, षिषु दूध नहीं उलटेगा। पोदीना और नीबू दोनों एक साथ सेवन करने से भी उलटी बन्द हो जाती है। नीबू में इलायची भर कर चूसने से भी लाभ होता है। उलटी में नीबू को गरम नहीं करना चाहिए।
नीम- 25 ग्राम नीम के पत्ते पीसकर 125 ग्राम पानी में छान कर पीने से सभी प्रकार की उलटियाँ ठीक हो जाती है।
पिस्ता- चार पिस्ता खाने से उलटी, जी मिचलाना ठीक हो जाता है।
पोदीना- उलटी में आधा कप पोदीने का रस हर दो घण्टे में पिलायें। इसमें नीबू भी मिला सकते है। हरा धनिया और पोदीने की चटनी बार-बार खाने से लाभ होता है।
प्याज- अदरक और प्याज का रस दो चम्मच पिलाने से उलटी बन्द हो जाती है।
फूल गोभी- फूल गोभी में क्षारीय तत्व होते हैं। यह एक रक्त शोधक है। रक्त की उलटी में इसकी सब्जी खाने से कच्ची ही खाने से लाभ होता है। क्षय रोगी इसे लें।
बर्फ- बार-बार उलटी होने पर बर्फ चूसने से उलटी बन्द हो जाती है।
राई- दुस्साध्य उलटियों को रोकने के लिए राई का लेप आष्चर्यजनक वस्तु है। राई पीस कर, पेट पर गीला मलमल का कपड़ा बिछा कर उस कपड़े पर राई का लेप कर दें। इसे 15 मिनट रहने दें। फिर हटा दें। उलटियाँ बन्द हो जायेंगी। यह अनुभूत है।
लौंग- चार लौंग कूटकर एक कप पानी में डाल कर उबालें। आधा पानी रहने पर छान कर स्वाद के अनुसार मीठा मिलाकर पीकर करवट लेकर सो जायें। दिन भर में ऐसी चार मात्रा लें। उलटियाँ बन्द हो जाती है।
शहद- प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से उलटी बन्द हो जाती है।
हरड़- हरड़ को पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से उलटी बन्द हो जाती है।