पेट में दर्द होने के कारण और उसके देशी उपाय
प्रिय दोस्तो,
अकसर पेट में प्रायः दर्द होता रहता है। प्राय पेट में दर्द होने के अनेक कारण होते हैं। सामान्य तौर पर पेट में दर्द भोजन न पचने से होता है। पेट में किसी भी प्रकार का दर्द हो, बोतल में गर्म पानी भरकर सेंकने से आराम मिलता है। जब तक पेट-दर्द अच्छी तरह शान्त न हो जाये तब तक खाने को कुछ नहीं देना चाहिए। सोडावाटर पीना अच्छा है। चिकित्सा कारण और दर्द के निदान के अनुसार करनी चाहिए।
पेट में दर्द होने पर देशी उपाय :-
अजवाइन- (1) अजवाइन 2 ग्राम और नमक 1 ग्राम गरम पानी से देने से पेट-दर्द बन्द हो जाता है।
अजवाइन- (2) 15 ग्राम अजवाइन, 5 ग्राम काला नमक और आधा ग्राम हींग- तीनों को पीसकर शीषी भर लें। पेट-दर्द होने पर आधा चम्मच दो बार गरम पानी से लें।
अजवाइन- (3) 2 चम्मच अजवाइन, 8 चम्मच जीरा, 2 चम्मच काला नमक- सब पीस कर शीषी भर लें। एक गिलास पानी में दो चम्मच यह चूर्ण और नीबू निचोड़ कर मिला कर पीयें। पेट-दर्द में लाभ होगा। यह अपच, गैस से हो रहे दर्द में लाभ करता है।
अदरक- (1) पिसी हुई सौंठ एक ग्राम, जरा-सी हींग और सेंधे नमक की फँकी गर्म पानी से लेने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
अदरक- (2) पिसी हुई सौंठ और सेंधा नमक एक गिलास पानी में गर्म करके पीने से पेट-दर्द, कब्ज, अपच ठीक हो जाती है।
अनार- अनार के दानों पर काली मिर्च और नमक डाल कर चूसें। इससे पेट-दर्द बन्द हो जाता है। कम-से-कम 10 दिन लें।
अमरूद- पेट-दर्द में अमरूद की कोमल पत्तियाँ पीस कर पानी में मिलाकर पीने से आराम होता है।
इलायची छोटी- पेट-दर्द में दो इलायची पीस कर शहद में मिला कर चाटने से लाभ होता है।
काली मिर्च- काली मिर्च, हींग, सौंठ समान मात्रा में पीसकर सुबह-षाम गर्म पानी से आधा चम्मच फँकी लें।
काॅफी- खाने-पीने से होने वाला पेट-दर्द, अफीम खाने से हुई पेट की गड़बड़ और दर्द काॅफी पीने से दूर होता है। यह भोजन के बाद पीयें।
छाछ- पेट में दर्द भूखे होने पर हो तो छाछ पीने से दर्द ठीक हो जाता है।
जीरा- जीरा पीसकर शहद के साथ चाटने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
तुलसी- तुलसी और अदरक के रस को सम भाग लेकर गर्म करके पीने से पेट-दर्द में लाभ होता है। 12 ग्राम तुलसी का रस पीने से पेट की मरोड़ ठीक हो जाती है।
दालचीनी- दालचीनी गैस से हुए पेट-दर्द को दूर करती है। इसका अल्प मात्रा में प्रयोग करें। अधिक मात्रा में हानिकारक है।
धनिया- (1) पेट-दर्द में धनिये का शर्बत हितकारी है। दो चम्मच धनिया एक कप पानी में गर्म करके पीयें।
धनिया- (2) बालक के पेट-दर्द, आँव, बदहजमी हो तो एक चम्मच धनिया और चैथाई चम्मच सौंठ एक कप पानी में उबाल कर पिलायें।
नमक- एक गिलास पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर पीने से पेट-दर्द में लाभ होता है। गर्म पानी में नमक मिलाकर पीने से शरीर में व्यास अनावष्यक तत्त्व भी निकल जाते है।
नीबू- (1) 12 ग्राम नीबू का रस, 6 ग्राम अदरक का रस और 6 ग्राम शहद एक पानी में मिलाकर पीने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
नीबू- (2) नीबू की टुकड़े में काला नमक, काली मिर्च और जीरा भरकर गर्म करके चूसने से पेट का दर्द ठीक हे जाता है, कीड़े (कृमि) नष्ट हो जाते हैं। यह 10-15 दिन लें।
पानी- प्रातः चाय जैसे गर्म पानी का गिलास पीने से कब्ज, बदहजमी दूर होती है। उसमें नीबू निचोड़ कर लेने से पेट में सड़न, गैस दूर होती है। पेट-दर्द दूर होता है।
पोदीना- (1) 3 ग्राम पोदीना, जीरा, हींग, काली मिर्च, नमक- इन सबको पीस कर गर्म पानी से लेने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
पोदीना- (2) सूखा पोदीना और चीनी समान मात्रा में मिलाकर दो चम्मच की फँकी गर्म पानी मिलाकर पीने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
मूली- मूली के रस में नमक और काली मिर्च डालकर पिलाने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
मेथी- दो चम्मच दाना मेथी में नमक मिलाकर सुबह-षाम दो बार गर्म पानी से फँकी लेने से पेट-दर्द ठीक होता है। यह 10-15 दिन लें।
राई- राई को पानी में पीसकर, पेट पर मलमल का कपड़ा बिछाकर, लेप करें। दस मिनट बाद हटा दें। पेट-दर्द में आष्चर्यजनक लाभ होता है।
लहसुन- लहसुन का रस 5 बूँद नमक के साथ पिलाने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
लाल मिर्च- पिसी हुई लाल मिर्च गुड़ में मिलाकर खाने से पेट-दर्द में लाभ होता है।
शहद- यदि किसी चीज के खाने से पेट-दर्द हो जैसा कि प्रायः पेट-दर्द के रोगी पूछने पर बताते हैं कि पेट-दर्द खाने-पीने से बढ़ता है तो कुछ दिन शहद सेवन करने से लाभ होता है।
सौंफ- सौंफ और सेंधा नमक मिलाकर पीसकर दो चम्मच गर्म पानी से फँकी लें।
हरड़- हरड़ का चूर्ण एक चम्मच गर्म पानी से फँकी लेने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है। यदि सप्ताह में दो बार इसी प्रकार हरड़ सेवन करें तो पेट का पाचन-संस्थान ठीक रहता है।
हींग- हींग को गरम पानी में घोलकर नाभि के आस-पास लेप करें तथा भुनी हुई हींग एक बाजरे के दाने के बराबर किसी चीज के साथ खिलायें। इससे पेट-दर्द में आराम होता है। यदि पेट-दर्द वायु रूकने से हो तो दो ग्राम हींग आधा किलो पानी में उबालें। चैथाई पानी रहने पर गर्म-गर्म पिला दें। हींग से बनी ऐसाफिटिडा मदरटिंचर की दस बूँद एक चम्मच पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
अकसर पेट में प्रायः दर्द होता रहता है। प्राय पेट में दर्द होने के अनेक कारण होते हैं। सामान्य तौर पर पेट में दर्द भोजन न पचने से होता है। पेट में किसी भी प्रकार का दर्द हो, बोतल में गर्म पानी भरकर सेंकने से आराम मिलता है। जब तक पेट-दर्द अच्छी तरह शान्त न हो जाये तब तक खाने को कुछ नहीं देना चाहिए। सोडावाटर पीना अच्छा है। चिकित्सा कारण और दर्द के निदान के अनुसार करनी चाहिए।
पेट में दर्द होने पर देशी उपाय :-
अजवाइन- (1) अजवाइन 2 ग्राम और नमक 1 ग्राम गरम पानी से देने से पेट-दर्द बन्द हो जाता है।
अजवाइन- (2) 15 ग्राम अजवाइन, 5 ग्राम काला नमक और आधा ग्राम हींग- तीनों को पीसकर शीषी भर लें। पेट-दर्द होने पर आधा चम्मच दो बार गरम पानी से लें।
अजवाइन- (3) 2 चम्मच अजवाइन, 8 चम्मच जीरा, 2 चम्मच काला नमक- सब पीस कर शीषी भर लें। एक गिलास पानी में दो चम्मच यह चूर्ण और नीबू निचोड़ कर मिला कर पीयें। पेट-दर्द में लाभ होगा। यह अपच, गैस से हो रहे दर्द में लाभ करता है।
अदरक- (1) पिसी हुई सौंठ एक ग्राम, जरा-सी हींग और सेंधे नमक की फँकी गर्म पानी से लेने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
अदरक- (2) पिसी हुई सौंठ और सेंधा नमक एक गिलास पानी में गर्म करके पीने से पेट-दर्द, कब्ज, अपच ठीक हो जाती है।
अनार- अनार के दानों पर काली मिर्च और नमक डाल कर चूसें। इससे पेट-दर्द बन्द हो जाता है। कम-से-कम 10 दिन लें।
अमरूद- पेट-दर्द में अमरूद की कोमल पत्तियाँ पीस कर पानी में मिलाकर पीने से आराम होता है।
इलायची छोटी- पेट-दर्द में दो इलायची पीस कर शहद में मिला कर चाटने से लाभ होता है।
काली मिर्च- काली मिर्च, हींग, सौंठ समान मात्रा में पीसकर सुबह-षाम गर्म पानी से आधा चम्मच फँकी लें।
काॅफी- खाने-पीने से होने वाला पेट-दर्द, अफीम खाने से हुई पेट की गड़बड़ और दर्द काॅफी पीने से दूर होता है। यह भोजन के बाद पीयें।
छाछ- पेट में दर्द भूखे होने पर हो तो छाछ पीने से दर्द ठीक हो जाता है।
जीरा- जीरा पीसकर शहद के साथ चाटने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
तुलसी- तुलसी और अदरक के रस को सम भाग लेकर गर्म करके पीने से पेट-दर्द में लाभ होता है। 12 ग्राम तुलसी का रस पीने से पेट की मरोड़ ठीक हो जाती है।
दालचीनी- दालचीनी गैस से हुए पेट-दर्द को दूर करती है। इसका अल्प मात्रा में प्रयोग करें। अधिक मात्रा में हानिकारक है।
धनिया- (1) पेट-दर्द में धनिये का शर्बत हितकारी है। दो चम्मच धनिया एक कप पानी में गर्म करके पीयें।
धनिया- (2) बालक के पेट-दर्द, आँव, बदहजमी हो तो एक चम्मच धनिया और चैथाई चम्मच सौंठ एक कप पानी में उबाल कर पिलायें।
नमक- एक गिलास पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर पीने से पेट-दर्द में लाभ होता है। गर्म पानी में नमक मिलाकर पीने से शरीर में व्यास अनावष्यक तत्त्व भी निकल जाते है।
नीबू- (1) 12 ग्राम नीबू का रस, 6 ग्राम अदरक का रस और 6 ग्राम शहद एक पानी में मिलाकर पीने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
नीबू- (2) नीबू की टुकड़े में काला नमक, काली मिर्च और जीरा भरकर गर्म करके चूसने से पेट का दर्द ठीक हे जाता है, कीड़े (कृमि) नष्ट हो जाते हैं। यह 10-15 दिन लें।
पानी- प्रातः चाय जैसे गर्म पानी का गिलास पीने से कब्ज, बदहजमी दूर होती है। उसमें नीबू निचोड़ कर लेने से पेट में सड़न, गैस दूर होती है। पेट-दर्द दूर होता है।
पोदीना- (1) 3 ग्राम पोदीना, जीरा, हींग, काली मिर्च, नमक- इन सबको पीस कर गर्म पानी से लेने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
पोदीना- (2) सूखा पोदीना और चीनी समान मात्रा में मिलाकर दो चम्मच की फँकी गर्म पानी मिलाकर पीने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
मूली- मूली के रस में नमक और काली मिर्च डालकर पिलाने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
मेथी- दो चम्मच दाना मेथी में नमक मिलाकर सुबह-षाम दो बार गर्म पानी से फँकी लेने से पेट-दर्द ठीक होता है। यह 10-15 दिन लें।
राई- राई को पानी में पीसकर, पेट पर मलमल का कपड़ा बिछाकर, लेप करें। दस मिनट बाद हटा दें। पेट-दर्द में आष्चर्यजनक लाभ होता है।
लहसुन- लहसुन का रस 5 बूँद नमक के साथ पिलाने से पेट-दर्द ठीक हो जाता है।
लाल मिर्च- पिसी हुई लाल मिर्च गुड़ में मिलाकर खाने से पेट-दर्द में लाभ होता है।
शहद- यदि किसी चीज के खाने से पेट-दर्द हो जैसा कि प्रायः पेट-दर्द के रोगी पूछने पर बताते हैं कि पेट-दर्द खाने-पीने से बढ़ता है तो कुछ दिन शहद सेवन करने से लाभ होता है।
सौंफ- सौंफ और सेंधा नमक मिलाकर पीसकर दो चम्मच गर्म पानी से फँकी लें।
हरड़- हरड़ का चूर्ण एक चम्मच गर्म पानी से फँकी लेने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है। यदि सप्ताह में दो बार इसी प्रकार हरड़ सेवन करें तो पेट का पाचन-संस्थान ठीक रहता है।
हींग- हींग को गरम पानी में घोलकर नाभि के आस-पास लेप करें तथा भुनी हुई हींग एक बाजरे के दाने के बराबर किसी चीज के साथ खिलायें। इससे पेट-दर्द में आराम होता है। यदि पेट-दर्द वायु रूकने से हो तो दो ग्राम हींग आधा किलो पानी में उबालें। चैथाई पानी रहने पर गर्म-गर्म पिला दें। हींग से बनी ऐसाफिटिडा मदरटिंचर की दस बूँद एक चम्मच पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।