दाँतो में रोग क्यों होते हैं और उनके देशी घरेलू उपाय
प्रिय दोस्तो , आप सभी जानते हो कि दाँतो का हमारे जीवन में क्या महत्व है ।
दाँतो में विकृति रोग होने पर हमारी पाचन शक्ति पर प्रभाव पड़ता है। इसीलिए हमे नियमित रूप से दाँत साफ़ करने चाहिए। हमेशा ये जरुर याद रखें कि खाने के बाद भोजन के कण दाँतो में न रहने दे। दाँतो को साफ़ न रखने से सूक्षम कीटाणु दाँतों के तने में घुस जाते है। फिर ये दन्त मज्जा में फ़ैल जाते है। अंत में दन्त मज्जा के गढे में पहुंच जाते है। जहां खतरनाक सड़न पैदा करता है जिससे कृमि-दन्त रोग पैदा कर देते है।
कृमि-दन्त रोग के लक्षण- इसमें दाँत के भीतर एक खोल-सा बन जाता है अथवा दाँत या जाढ़ गल कर गिर जाती है। या स्वयं टुकड़े टुकड़े होकर बहार निकल जाते है। या डेंटल डॉक्टर के पास जाके दाँत निकलवाना पड़ता है। इसमें समय-समय पर तेज दर्द के दौरे पड़ते है। जिसके कारण रोगी बहुत बेचैन रहता है। यदि ये बढ़ जाये तो दाँत दर्द, मसूढ़ों में सूजन, मसूढ़ों में पीपया मवाद, मुंहसे बदबू आदि रोग पैदा हो जाते है।
पायोरिया रोग के लक्षण-सुबह उठने परम यह कास्वाद खारा-खारालगता है। मुंहसे दुर्गन्ध आतीह। दाँतो मेंठंडी और ग्रामचीज़ो लगती हैजिससे तेज दर्दहोता है. मसूढ़ेफूल जाते हैऔर उनमे सेपीप व खूननिकलता है। रोगके पुराने हो जाने पर मसूड़ों की विकृति के कारण दाँत ढीले पड जाते है। रोग बढ़ने पर हाथ पैर में दर्द, जोड़ो में सूजन आ जाती है।
पायोरिया होने के कारण- यह रोगदाँतो की सफाईन रखना, दाँतोमें कीड़ा लग्न, विटामिन सी उचितमात्र में नकहना, ऐसे रोगजिम्मे रोगी भुतकमजोर हो जाता है। जैसे - मधुमेह, चाय, पाण्डु, गर्भावस्थाआदि कारणों से हुआकरता है। उदरविकारों के कारणभी पायोरिया रोगहो जाता है।
दाँतो में रोग होने पर देशी घरेलू उपाय :-
२-३ लौंग लौंग और उसी के बराबर फिटकरी दाँतो और मसूड़े पार लगने पर दर्द व सूजन में राहत मिलती है।
५ पत्ते अमरुद के, दो लौंग और ५ ग्राम अजवाइन मिलाकर पीस डेल। २०० ग्राम पानी में उबालकर एक चुटकी हल्दी और ५ ग्राम हींग घोलकर कुल्ला करे. दाँत का दर्द गायब हो जायेगा।
५-६ लौंग पीसकर उसमे निम्बू का रस निचोड़कर दर्द वाले दाँत पर मेल, लाभ होगा।
अंजीर को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ला करे. इसमें मसूड़े के विभिन्न रोग मीट जाएंगे।
अगर दाँत या मसूड़े में दर्द हो तो प्याज का टुकड़ा लगने से दर्द में रहत मिलती है।
अगर दांतों में कीड़े लग गए हो रोज एक ग्राम कपूर मुँह में रखकर सो जाये. ३-४ दिन में दाँतो में कड़े मर जाएंगे. अगर पायरिया रोग हो गया तो कपूर का उपयोग करें पायरिया रोग ख़त्म हो जायेगा।
अगर नमक और सरसो का तेल दाँत के रोग में उपयोगी न सिद्ध न हो तो बारीक पिसी हल्दी में सरो का तेल मिलाकर मंजन करे और गुनगुने पानी से कुल्ला करे, पायरिया ठीक हो जायेगा।
अगर नमक बरीक न हो तो उंगली पर केवल सरसो का तेल लगाकर मालिश करे फिर गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ले और गरारे कर ले।
अदरक के टुकड़े पर नमक डालकर दर्द वाले दाँत में दबाए तो दर्द काम हो जायेगा।
अदरक के रस में सहद बराबर -बराबर मिलाकर दाँतो पर लागने से दाँतो का दर्द दूर हो जाता है।
अनार कीछाल का मंजनयदि फिटकरी मिलकरबनाया जाये तोदाँतो के रोगदूर करता है।
अनार के फूल चाय में सुखाकर कूट कर महीन कर मंजन की तरह दाँतो पर मलने से मसूड़ों से खून निकलना बंद हो जाता है, दाँत मजबूत बनते है।
अमरुद के पत्तो को चबाने से दाँत दर्द ठीक होता है।
अरण्ड का तेलऔर कपूर मिलाकररोज सुबह शाममसूढ़ों पार मलनेसे पायरिया रोगठीक हो जाता है।
आंवला जलाकर सेंधा नमक मिलाकर पीसे फिर सरसो का तेल मिलाकर मंजन करे. पायरिया दूर होगा।
आम की गुठली की गिरी के चूर्ण से रोज मंजन करे, मसूड़े फूलना ठीक हो जाएंगे. मसूड़ों के और रोग दूर हो जाएंगे।
आम के पत्ते चबा चबाकर थूक दे. ऐश ७ दिन करने से आपके दाँत मजबूत हो जाएंगे।
आम के पत्तो सुखाकर, जलने पर जो रख बनती है, उसे दाँतो पर नमक मिलकर मेल, दाँतो में किसी प्रकार का रोग नहीं होता है, दन्त मजबूत और चमकदार बनते है। दाँत जीवन भर निरोग रहेंगे।
एक ग्राम नमक और तीन ग्राम फिटकरी पीसकर पीस ले। फुले हुए मसूड़ों पर मॉल कर मुँह ढीला छोड़ दे और राल बहने दे. फिर फिटकरी के पानी से कुल्ला करे।.
कच्चे गेरू, फिटकरी, इलायची पीसकर मंजन करने से दाँत चमक उठेंगे।
कत्था, मौलसिरी की छाल, नीम की छाल, सीधा नमक कुटपीसकर सूती कपडे से छान ले मंजन करने से दांतों का हिलना बंद हो जाता है.
खरबूजे को चबाने से दाँत साफ़ और चमकीले बनते है. इससे दाँतो पर जमा हुआ 'टार्टर' भी साफ़ होता है.
गरम जल लाल दवा (पोटैशियम परमैगनेट) मिलाकर कुला करने से दांत साफ हो जाते है.
गुलाब का पूरा फूल डोडी समेत कुचल कर खाने से मसूड़े मजबूत होते है. मसूड़ों से खून या मवाद आना बंद हो जाता है.
छोटी हरड़ के के चूर्ण से मंजन करे. इससे दाँत साफ़ व मजबूत होगे. सरसो के तेल में पिसी हुई हल्दी व नमक मिलाकर दाँत साफ़ करने से दाँतो के विभिन्न रोग दूर हो जाते है. और दाँत चमकदार और जड़ से मजबूत होते है.
जलते उपलों पर बैगन के बीज डाल दे. जब बीज जलेंगे तो धुंआ उठेगा . इस धुनि को पाइप से मुंह में खींचे. दुखते दांतों में धुनी लगेगी तो दाँत दर्द ठीक हो जायेगा.
जामुन की गुठलियों को धुप में सुख ले फिर मिक्सी में कूटकर चरण बन ले. सुबह सव्रे इस चरण को दंत मंजन के रूप में इस्तेमाल करके तो देखे दांतों का पीलापन आप खोजते रह जाएंगे.
जामुन की छाल को जलाकर और बारीक पीसकर मंजन के रूप में प्रयोग करने से पायरिया रोग ठीक हो जाता है.
जामुन के पत्तो को जलाकर राख को महीन पीस ले और उसमे पीसी हुई कालीमिर्च डालकर छोटी छोटी गोलियाँ बना ले. दर्द वाले दाँत के नीचे इस गोली को रख ले दांत दर्द में तुरंत रहत मिलेगी.
जामुन के पेड़ की ताजा-कोमल पत्तियों को चबने से मुँह के दाँत और मसूड़ों के दर्द में बहुत फायदा होता है. और साथ ही मुँह की या सांसो की बदबू भी दूर हो जाती है.
जौ और गेंहू के चोकर को उबालकर सहते-सहते गरम पानी से कुल्ला करे, मसूड़ों का फुलना व अन्य रोग ठीक हो जाते है.
तरबूज की गिरी को पीसकर रस निकले, इस रस की मसूड़ों पर मालिश करने से मसूड़े पर मालिश करने से मसूड़े मजबूत होते है. मुँह से बदबू दूर होती है.
तुलसी के ४-५ पत्ते या २-३ डेन काली मिर्च में थोड़ा सा कपूर मिलाकर दाढ़ में लगने से आराम मिलता है.
थोड़ी सी लौंग पीसकर निम्बू निचोड़कर दाँत पर मलने से दाँत दर्द ठीक हो जाताहै.
दाँत दर्द में आम पत्तो को सुखाकर, पीसकर मंजन करने से लाभ होगा.
दाँत दर्द में राई के गरम पानी से कुल्ला करने से दाँत दर्द ठीक हो जाता है.
दाँत दर्द में लौंग का तेल बहुत इस्तमाल किया जाता है. जिस दाँत या मसूड़े में दर्द हो, वह पर रुई का एक फाहा लौंग के तेल में भिगोकर रख देना चाहिए. थोड़ी देर बाद फाहा हटकर मुँह से लार टपकने देना चाइये. दर्द कम हो जायेगा.
दाँत दर्द होने पर तुलसी को चबाकर खाये. यदि दाँत हिल रहे हो या दर्द कर रहे हो तो ग्वारपाठे का छिलका और जुड़े को चबाए. दाँत का हिलना और दर्द दोनों ठीक हो जायेगा.
दाँत दर्द होने पर दाँतो में अजवाइन की धुनी दे, फिर दो घंटे बाद अजवाइन के पानी से कुल्ला करे. पानी के लिए एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच पिसी अजवाइन डाल दे.
दाँतो के विभिन्न रोगों को दूर करने हेतु पानी में निम्बू निचोड़कर कुल्ला करना लाभप्रद होता है.
दाँतो में सूजन या दर्द हो तब चने के ताजे शाक को २०० ग्राम पानी में उबले. जब ५० ग्राम बच्चे तो तब इस पानी को मुँह में भरकर थोड़े देर रोके. उसके बाद कुल्ला कार ले. मसूड़ों की सूजन व दर्द ख़त्म हो जाता है.
दांतों का कोई भी रोग हो जामुन की कपलो के कड़े से कुल्ले करे.
दांतों में खून आता हो तो लगभग ५ ग्राम फिटकरी का चूर्ण बना ले, उसमे ५ ग्राम जामुन की लकड़ी का कोयला मिलकर पीस ले. इस मिश्रण को दाँतो पर मलने से दाँतो से खून निकलना बंद हो जाता है.
दांतों में छेद व दर्द हो तो दांत के नीचे हींग दबा ले, इससे दर्द काम हो जायेगा.
दिन में २ बार टिल ले तेल में थोड़ा कपूर मिलकर ऊँगली से दाँतो व मसूड़ों की मालिश करनी चाहिए.
नागकेशर चूर्ण, लोध्र, रक्त चन्दन औरमुलेठी- इस सबकोसामान मात्रा मेंमिलकर सूती कपडेचयन कर चरणबन ले. इसचरण में सहदमिलकर माजन करनेसे पायोरिया रोगधीरे धीरे करकेठीक हो जाताहै. नीला थोथा, साथ, काली मिर्च, पीपल, पीपल मूल, हीरा कसीसा, माजूफल, वायविडंग और नमक बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसकर सूती कपडे चयन ले. इस मजन से दाँतो के सभी रोज ठीक हो जाते है.
निम्बू के छिलकों को धूप में सुखाकर पीस ले. तथा इस पाउडर का १०वा हिस्सा फिटकरी भी मिला ले. बस निम्बू का मंजन तैयार है. दाँतो को साफ़ करने हेतु उत्तम दवा है. इससे साँस की दुर्गन्ध दूर होती है, मसूड़ों को शक्ति मिलती है. मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है. दाँत चमकदार हो जाते है.
नी हुई फिटकरी, कत्था, साथ, काली मिर्च, आंवला, मजीठा, माजूफल, कसीसा, रूमी मस्तंगी, पीपल और मौलसिरी की छाल सीधा नमक, सुपारी कुटपीसकर सूती कपडे में छान ले . इस मंजन को सुबह शाम करने से दाँत के सभी रोग ठीक हो जाते है.
नीम की टहनी को पत्तियों सहित छाया में सुखाकर पीस ले, उसमे लौंग, पिपरमिंट, नमक मिलाकर, एक महीन पीसकर मंजन से पायरिया दूर हो जाता है.
नीम की टहनी से दातुन करना फायदेमंद है.
पायरियनाशक मंजन- अनार के फल का चिल्का ५०० ग्राम, फिकरी १० ग्राम, काली मिर्च १० ग्राम, सीधा नमक १० ग्राम- सबको खूब महीन कूट पीसकर के मलमल कपडे से छानकर शीशी में भरकर रखे और रोज सुबह और शाम सोने से पहले यह मंजन करे.
पायरिया रोग में पीसी कालीमिर्च और इसकी दूनी तमभकु की काली रख सूती कपडे से छानकर रख दे. इसे सुबह शाम और रात में सोते समय दांतों पर धीरे धीरे मले
पायरिया व दाँतो को चमकीले व मजबूत बनाने के लिए (46)निम्बू के छिलकों का मंजन बनाए. छिलके सुख कर जल ले और उसमे कपूर व सेंधा नमक मिलाकर एक शीशी में भार ले. इस मंजन से पायरिया दूर होगा व दांत मसूड़े मजबूत होगे. दांत मोतियों की भांति चमकीले हो जाएंगे.
पायरिया होने पर भी निम्बू का रस और शहद मसूड़ों पर नियमित मलने से लाभ होता है. निरन्तर प्रयोग से पीप और पीप और रक्त निकलना बंद होता है. और दाँतो को मजबूती मिलती है.
पालक के रस में बराबर का पानी मिलकर कुल्ला करने से दांतों में खून आना बंद हो जाता है. पालक को दाँत रछक माना गया है.
पीपल का चूर्ण, शहद और घी तेनो मिलाकर दाँत के नीचे रखने या मालिश करने से दाँत का दर्द दूर होता है.
पीपल की जटा काटकर रोज दातुन करने से हिलते हुए हुए दन्त जम जाते है और मुंह की बदबू का नास होता है.
फिटकरी तवे पर फुला ले. उसमे नमक २-३ बुँदे सरसो का तेल और ६-७ बुँदे जामुन के पत्तो का रस मिलाकर दाँत साफ़ करने से दाँत चमक उठेंगे.
फिटकरी तवे पर फुला ले, उसमे सामन मात्र में नमक मिलकर एक दम महीन पीस ले. उसमे ज़रा सा सरसो का तेल मिलाकर ७ दिन में ३ दिन मंजन करने से लाभ होता है.
फिटकरी, सुहागा खील और सेंधा नमक - समान भाग लेकर रोज मंजन करने से बढ़ा हुआ पायरिया खत्म हो जाता है.
फूली हुई फिटकरी का पाउडर दांतों पर मलने से दाँत, मसूड़ों में दर्द, सूजन, खून निकलना, दुगंध रोकने का आसान व अचूक उपाय है. इससे दाँत व मसूड़े मजबूत होते है.
बबूल की कच्ची टहनियों से दातुन करने से पायरिया से बचाव होता है.
बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से मसूड़ों से खून निकलना बंद हो जाता है.
बबूल की लकड़ी जलाकर उसका कोयला पीस ले. उसी में चउथै भाग फिटकरी मिला ले. २ चुटकी मंजन सुबह शाम करे, हिलते दाँत वज्र के समान मजबूत और निर्मल हो जाएंगे.
बादाम के छिलके १ तोला जलाकर, एक तोला भुनी हुई फिटकरी और सेंधा नमक के साथ मिलाकर महीन पीस ले, फिर इसे एक साफ़ शीशी में भर ले.इस मजन से पायरिया दूर होगा व दाँत मसूड़े मजबूत होगे व दाँत मोतियों की भांति चमकने लगेंगे.
मसूड़े फूलना, दर्द टीस आदि होने पर भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक बराबर भाग पीसकर छानकर मसूड़े पर रगड़े और लार बाहर टपका दे.
मसूड़े फूलने पर एक चम्मच अदरक रस एक कप गुगुने पानी में चुटकी भर नमक मिलाकर दिन में तीन बार मुँह में कुल्ला की तरह पानी घुमाकर पीने से मसूड़ों की तीस, सूजन जैसे रोग दूर होते है. यदि मवाद हो तो केवल कुल्ला करके जल हु थूक दे.
मसूड़ों में दर्द, सूजन, दांतों में दर्द होने पर अमरुद के पत्तो को उबालकर कुल्ला करे.
मिट्टी के तेल से कुल्ला करने से पायरिया की बीमारी दूर होती है.
मुलेठी व मिश्री को चूसने से दाँत साफ़ होता है. दाँत के रोग भी ठीक होते है.
मूली के बीज, अकरकरा, अतीस, फिटकरी नमक- इन्हे बराबर मात्रा लेकर बिलकुल बारीक मंजन बनाए. ये बेस्वाद होगा, लेकिन दवा समझकर दांतों पर मंजन करने से गंदे से गंदे , मैले से मैले या पीले से पीले दिखने वाले दांत सफ़ेद चमकदार मजबूत हो जाएंगे.
मेथी कोपनि में उबलले फिर उबलेपानी और मेथीएक साथ दाँतोपर मलने सेमुंह के बदबूदूर होती हैऔर साथ हीदाँत स्वस्थ, सफ़ीदव चमकीले होतेहै
मेहँदी के पत्तो का काढ़ा बनाकर उसे ठंडा कर कुल्ला करने से दाँतो और मसूड़ों पर लगने पर दर्द व सूजन में रहत मिलती है।
मौलसिरी की छालकाफी समय तक, कुछ देर चबातेरहने से हिलतेहुए दाँत भीमजबूत हो जाते है।
यदि आपको दाँत से खून आने के शिकायत है , तो टमाटर का रस दिन तीन बार एक एक गिलर पिए. जल्दी आपका दाँतो से खून आना बंद हो जायेगा. कई बार कुछ खाने से दाँत खट्टे हो जाते है ऐसे में बदन चबाकर खाये या दाँतो पर नमक पिसा हुआ मले।
यदि आपको पायरिया की परेशानी है निम्बू का रस मसूड़ों पर बार बार मलते रहना चाहिए.इससे पायरिया धीरे धीरे करके कम या ख़त्म हो जाएगी।
यदि दाँतो में पानी लग रहा है तो माजूफल लेकर बारीक पीस ले और प्रतिदिन इसका मंजन करे, लाभ होगा. पैसे भी दाँत की मजबूती की नजर से माजूफल फायदेमंद है. यदि दाँतो में कमजोरी की वजह से रक्त निकल रहा होगा तो वह भी बंद हो जायेगा।
यदि दांतों में दर्द हो तो सीधा नमक, सरसो का तेल और निम्बू का रस मिलकर दांतों पर मंजन करे. दांतों का दर्द और दांतों का हिलना बंद हो जाता है ।
यदि रोजना महीन पीसा सेंधा नमक दाँतो पर मला जाये तो दाँतो में चमक आ जाती है. नौसादर, साथ, हल्दी और नमक-इनको कूट पीसकर चयन ले. फिर सरसो के तेल के साथ मिला ले. शौच से आने के बाद रोज दातुन कर मजन करे. इसके तीन महीने तक प्रयोग करने से पायरिया रोग दूर होता है।
राई चूर्ण को मलनेसे दाँत दर्दठीक हो जाताहै।
रीठे के बीज जलाकर कोयला बना ले. इसमें समभाग फिटकरी भुनी हुई मिलकर और खूब बारीक पीसकर मंजन बना ले. इस मंजन को यदि रोगी नियमित रूप से करे, तो हिलते हुए दाँत, दाँत दर्द साथ खून निकलना बंद हो जायेगा।
लसोड़े के क्वाथ से कुल्ले करने से मसूड़ों के रक्तस्राव में कमी आती है या बंद हो जाता है।
लौंग का तेल और कपूर का चरण दांतों पर मलने से लाभ होता है।
लौकी कागुदा ५० ग्राम, लहसुन १० ग्राम- दोनों को खरलकरके एक लीटरपानी में खूबपकए. जब पानीआधा जल जायेतो गुनगुने पानीसे कुल्ला करनेसे दाँत दर्दतुरंत ठीक होजाता है।
शलजम को दांतों से काट काटकर खाने से से दाँत निरोगी होते है।
शौच करते समय दाँत दबाकर बैठने से दाँत मजबूत रखते है। और लकवा आदि बीमारी का खतरा भी रहता है।
सप्ताह में एक बार मीठे सोडे से दाँत साफ़ किये जाये तो दांत मोती से चमकते है।
समुद्र फेन ६तोला, सोनगरु ६तोला, बादाम केजले हुए छिलके८ तोला, लौंग, कपूर और नीलाथोथा फुला हुआ१-१ तोला, दाल चीनी २तोला, फूली हुईफिटकरी ४तोला और सेंधानमक ४ तोला- इन सबको मिलकरबारीक पीसकर सूतीकपडे से चयनले, ये अतिउपयोग मंजन आपकेदाँत के सभीप्रकार के रोगोंको दूर करेगा।
सरसो के तेल में नमक मिलाकर मंजन करने से दाँत दर्द से छुटकारा मिलेगा, पर नमक एकदम बारीक पाउडर सा होना चाहिए।
सरसो डालकरपानी गरम करे। इस पानी सेकुल करने परदाँत दर्द ठीकहो जाता है।
सीधा नमक और फिटकरी ५ ग्राम डालकर पीतल के बर्तन में रखे और तेज आग पर चढ़ा दे। सब चीज़े जलकर भस्म हो जाये तो उतर कर बारीक खरल करे। यह दवा रोज सभी दांतों में थोड़ी देर मलकर कुछ देर बाद कुल्ला करे. इससे पायरिया की सभी विकृति दूर हो जाती है। दन्त दर्द भी मीट जाता है। और जबड़ा मजबूत होता है।
सीधा नमक, काली मिर्च और तम्बाकू की पत्तो बराबर भाग लेकर कूट पीसकर चरण करे और सरसो के तेल मिलकर रोज दांतों पे रगड़े। दन्त में कीड़े नहीं लगेंगे और दांत जड़ से मजबूत होगे।
सोते समय रात में गरम जल के साथ हरड़ लेने से दांत स्वस्थ रहते है।
हल्दी की गांठ को धीमी आँच पर भून ले। ठंडा होने पर इस गांठ को बारीक पीसकर सूती कपडे से छान ले।इसमें सीधा नमक भी मिला ले। इस मिश्रण को सुबह और रात सोने से पहले मंजन की तरह काम ले। दाँतो में दर्द और अन्य विकारों से रहत मिलती है।
हल्दी की गांठ भूनकर दर्द वाले दाँत के निचे दाबने से दाँत दर्द हो जाता है।
हिलते हुए दाँत में दर्द हो तो तिल के तेल में पिसा हुआ काला नमक मिलाकर मंजन करे।
दाँतो में विकृति रोग होने पर हमारी पाचन शक्ति पर प्रभाव पड़ता है। इसीलिए हमे नियमित रूप से दाँत साफ़ करने चाहिए। हमेशा ये जरुर याद रखें कि खाने के बाद भोजन के कण दाँतो में न रहने दे। दाँतो को साफ़ न रखने से सूक्षम कीटाणु दाँतों के तने में घुस जाते है। फिर ये दन्त मज्जा में फ़ैल जाते है। अंत में दन्त मज्जा के गढे में पहुंच जाते है। जहां खतरनाक सड़न पैदा करता है जिससे कृमि-दन्त रोग पैदा कर देते है।
कृमि-दन्त रोग के लक्षण- इसमें दाँत के भीतर एक खोल-सा बन जाता है अथवा दाँत या जाढ़ गल कर गिर जाती है। या स्वयं टुकड़े टुकड़े होकर बहार निकल जाते है। या डेंटल डॉक्टर के पास जाके दाँत निकलवाना पड़ता है। इसमें समय-समय पर तेज दर्द के दौरे पड़ते है। जिसके कारण रोगी बहुत बेचैन रहता है। यदि ये बढ़ जाये तो दाँत दर्द, मसूढ़ों में सूजन, मसूढ़ों में पीपया मवाद, मुंहसे बदबू आदि रोग पैदा हो जाते है।
पायोरिया रोग के लक्षण-सुबह उठने परम यह कास्वाद खारा-खारालगता है। मुंहसे दुर्गन्ध आतीह। दाँतो मेंठंडी और ग्रामचीज़ो लगती हैजिससे तेज दर्दहोता है. मसूढ़ेफूल जाते हैऔर उनमे सेपीप व खूननिकलता है। रोगके पुराने हो जाने पर मसूड़ों की विकृति के कारण दाँत ढीले पड जाते है। रोग बढ़ने पर हाथ पैर में दर्द, जोड़ो में सूजन आ जाती है।
पायोरिया होने के कारण- यह रोगदाँतो की सफाईन रखना, दाँतोमें कीड़ा लग्न, विटामिन सी उचितमात्र में नकहना, ऐसे रोगजिम्मे रोगी भुतकमजोर हो जाता है। जैसे - मधुमेह, चाय, पाण्डु, गर्भावस्थाआदि कारणों से हुआकरता है। उदरविकारों के कारणभी पायोरिया रोगहो जाता है।
दाँतो में रोग होने पर देशी घरेलू उपाय :-
२-३ लौंग लौंग और उसी के बराबर फिटकरी दाँतो और मसूड़े पार लगने पर दर्द व सूजन में राहत मिलती है।
५ पत्ते अमरुद के, दो लौंग और ५ ग्राम अजवाइन मिलाकर पीस डेल। २०० ग्राम पानी में उबालकर एक चुटकी हल्दी और ५ ग्राम हींग घोलकर कुल्ला करे. दाँत का दर्द गायब हो जायेगा।
५-६ लौंग पीसकर उसमे निम्बू का रस निचोड़कर दर्द वाले दाँत पर मेल, लाभ होगा।
अंजीर को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ला करे. इसमें मसूड़े के विभिन्न रोग मीट जाएंगे।
अगर दाँत या मसूड़े में दर्द हो तो प्याज का टुकड़ा लगने से दर्द में रहत मिलती है।
अगर दांतों में कीड़े लग गए हो रोज एक ग्राम कपूर मुँह में रखकर सो जाये. ३-४ दिन में दाँतो में कड़े मर जाएंगे. अगर पायरिया रोग हो गया तो कपूर का उपयोग करें पायरिया रोग ख़त्म हो जायेगा।
अगर नमक और सरसो का तेल दाँत के रोग में उपयोगी न सिद्ध न हो तो बारीक पिसी हल्दी में सरो का तेल मिलाकर मंजन करे और गुनगुने पानी से कुल्ला करे, पायरिया ठीक हो जायेगा।
अगर नमक बरीक न हो तो उंगली पर केवल सरसो का तेल लगाकर मालिश करे फिर गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ले और गरारे कर ले।
अदरक के टुकड़े पर नमक डालकर दर्द वाले दाँत में दबाए तो दर्द काम हो जायेगा।
अदरक के रस में सहद बराबर -बराबर मिलाकर दाँतो पर लागने से दाँतो का दर्द दूर हो जाता है।
अनार कीछाल का मंजनयदि फिटकरी मिलकरबनाया जाये तोदाँतो के रोगदूर करता है।
अनार के फूल चाय में सुखाकर कूट कर महीन कर मंजन की तरह दाँतो पर मलने से मसूड़ों से खून निकलना बंद हो जाता है, दाँत मजबूत बनते है।
अमरुद के पत्तो को चबाने से दाँत दर्द ठीक होता है।
अरण्ड का तेलऔर कपूर मिलाकररोज सुबह शाममसूढ़ों पार मलनेसे पायरिया रोगठीक हो जाता है।
आंवला जलाकर सेंधा नमक मिलाकर पीसे फिर सरसो का तेल मिलाकर मंजन करे. पायरिया दूर होगा।
आम की गुठली की गिरी के चूर्ण से रोज मंजन करे, मसूड़े फूलना ठीक हो जाएंगे. मसूड़ों के और रोग दूर हो जाएंगे।
आम के पत्ते चबा चबाकर थूक दे. ऐश ७ दिन करने से आपके दाँत मजबूत हो जाएंगे।
आम के पत्तो सुखाकर, जलने पर जो रख बनती है, उसे दाँतो पर नमक मिलकर मेल, दाँतो में किसी प्रकार का रोग नहीं होता है, दन्त मजबूत और चमकदार बनते है। दाँत जीवन भर निरोग रहेंगे।
एक ग्राम नमक और तीन ग्राम फिटकरी पीसकर पीस ले। फुले हुए मसूड़ों पर मॉल कर मुँह ढीला छोड़ दे और राल बहने दे. फिर फिटकरी के पानी से कुल्ला करे।.
कच्चे गेरू, फिटकरी, इलायची पीसकर मंजन करने से दाँत चमक उठेंगे।
कत्था, मौलसिरी की छाल, नीम की छाल, सीधा नमक कुटपीसकर सूती कपडे से छान ले मंजन करने से दांतों का हिलना बंद हो जाता है.
खरबूजे को चबाने से दाँत साफ़ और चमकीले बनते है. इससे दाँतो पर जमा हुआ 'टार्टर' भी साफ़ होता है.
गरम जल लाल दवा (पोटैशियम परमैगनेट) मिलाकर कुला करने से दांत साफ हो जाते है.
गुलाब का पूरा फूल डोडी समेत कुचल कर खाने से मसूड़े मजबूत होते है. मसूड़ों से खून या मवाद आना बंद हो जाता है.
छोटी हरड़ के के चूर्ण से मंजन करे. इससे दाँत साफ़ व मजबूत होगे. सरसो के तेल में पिसी हुई हल्दी व नमक मिलाकर दाँत साफ़ करने से दाँतो के विभिन्न रोग दूर हो जाते है. और दाँत चमकदार और जड़ से मजबूत होते है.
जलते उपलों पर बैगन के बीज डाल दे. जब बीज जलेंगे तो धुंआ उठेगा . इस धुनि को पाइप से मुंह में खींचे. दुखते दांतों में धुनी लगेगी तो दाँत दर्द ठीक हो जायेगा.
जामुन की गुठलियों को धुप में सुख ले फिर मिक्सी में कूटकर चरण बन ले. सुबह सव्रे इस चरण को दंत मंजन के रूप में इस्तेमाल करके तो देखे दांतों का पीलापन आप खोजते रह जाएंगे.
जामुन की छाल को जलाकर और बारीक पीसकर मंजन के रूप में प्रयोग करने से पायरिया रोग ठीक हो जाता है.
जामुन के पत्तो को जलाकर राख को महीन पीस ले और उसमे पीसी हुई कालीमिर्च डालकर छोटी छोटी गोलियाँ बना ले. दर्द वाले दाँत के नीचे इस गोली को रख ले दांत दर्द में तुरंत रहत मिलेगी.
जामुन के पेड़ की ताजा-कोमल पत्तियों को चबने से मुँह के दाँत और मसूड़ों के दर्द में बहुत फायदा होता है. और साथ ही मुँह की या सांसो की बदबू भी दूर हो जाती है.
जौ और गेंहू के चोकर को उबालकर सहते-सहते गरम पानी से कुल्ला करे, मसूड़ों का फुलना व अन्य रोग ठीक हो जाते है.
तरबूज की गिरी को पीसकर रस निकले, इस रस की मसूड़ों पर मालिश करने से मसूड़े पर मालिश करने से मसूड़े मजबूत होते है. मुँह से बदबू दूर होती है.
तुलसी के ४-५ पत्ते या २-३ डेन काली मिर्च में थोड़ा सा कपूर मिलाकर दाढ़ में लगने से आराम मिलता है.
थोड़ी सी लौंग पीसकर निम्बू निचोड़कर दाँत पर मलने से दाँत दर्द ठीक हो जाताहै.
दाँत दर्द में आम पत्तो को सुखाकर, पीसकर मंजन करने से लाभ होगा.
दाँत दर्द में राई के गरम पानी से कुल्ला करने से दाँत दर्द ठीक हो जाता है.
दाँत दर्द में लौंग का तेल बहुत इस्तमाल किया जाता है. जिस दाँत या मसूड़े में दर्द हो, वह पर रुई का एक फाहा लौंग के तेल में भिगोकर रख देना चाहिए. थोड़ी देर बाद फाहा हटकर मुँह से लार टपकने देना चाइये. दर्द कम हो जायेगा.
दाँत दर्द होने पर तुलसी को चबाकर खाये. यदि दाँत हिल रहे हो या दर्द कर रहे हो तो ग्वारपाठे का छिलका और जुड़े को चबाए. दाँत का हिलना और दर्द दोनों ठीक हो जायेगा.
दाँत दर्द होने पर दाँतो में अजवाइन की धुनी दे, फिर दो घंटे बाद अजवाइन के पानी से कुल्ला करे. पानी के लिए एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच पिसी अजवाइन डाल दे.
दाँतो के विभिन्न रोगों को दूर करने हेतु पानी में निम्बू निचोड़कर कुल्ला करना लाभप्रद होता है.
दाँतो में सूजन या दर्द हो तब चने के ताजे शाक को २०० ग्राम पानी में उबले. जब ५० ग्राम बच्चे तो तब इस पानी को मुँह में भरकर थोड़े देर रोके. उसके बाद कुल्ला कार ले. मसूड़ों की सूजन व दर्द ख़त्म हो जाता है.
दांतों का कोई भी रोग हो जामुन की कपलो के कड़े से कुल्ले करे.
दांतों में खून आता हो तो लगभग ५ ग्राम फिटकरी का चूर्ण बना ले, उसमे ५ ग्राम जामुन की लकड़ी का कोयला मिलकर पीस ले. इस मिश्रण को दाँतो पर मलने से दाँतो से खून निकलना बंद हो जाता है.
दांतों में छेद व दर्द हो तो दांत के नीचे हींग दबा ले, इससे दर्द काम हो जायेगा.
दिन में २ बार टिल ले तेल में थोड़ा कपूर मिलकर ऊँगली से दाँतो व मसूड़ों की मालिश करनी चाहिए.
नागकेशर चूर्ण, लोध्र, रक्त चन्दन औरमुलेठी- इस सबकोसामान मात्रा मेंमिलकर सूती कपडेचयन कर चरणबन ले. इसचरण में सहदमिलकर माजन करनेसे पायोरिया रोगधीरे धीरे करकेठीक हो जाताहै. नीला थोथा, साथ, काली मिर्च, पीपल, पीपल मूल, हीरा कसीसा, माजूफल, वायविडंग और नमक बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसकर सूती कपडे चयन ले. इस मजन से दाँतो के सभी रोज ठीक हो जाते है.
निम्बू के छिलकों को धूप में सुखाकर पीस ले. तथा इस पाउडर का १०वा हिस्सा फिटकरी भी मिला ले. बस निम्बू का मंजन तैयार है. दाँतो को साफ़ करने हेतु उत्तम दवा है. इससे साँस की दुर्गन्ध दूर होती है, मसूड़ों को शक्ति मिलती है. मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है. दाँत चमकदार हो जाते है.
नी हुई फिटकरी, कत्था, साथ, काली मिर्च, आंवला, मजीठा, माजूफल, कसीसा, रूमी मस्तंगी, पीपल और मौलसिरी की छाल सीधा नमक, सुपारी कुटपीसकर सूती कपडे में छान ले . इस मंजन को सुबह शाम करने से दाँत के सभी रोग ठीक हो जाते है.
नीम की टहनी को पत्तियों सहित छाया में सुखाकर पीस ले, उसमे लौंग, पिपरमिंट, नमक मिलाकर, एक महीन पीसकर मंजन से पायरिया दूर हो जाता है.
नीम की टहनी से दातुन करना फायदेमंद है.
पायरियनाशक मंजन- अनार के फल का चिल्का ५०० ग्राम, फिकरी १० ग्राम, काली मिर्च १० ग्राम, सीधा नमक १० ग्राम- सबको खूब महीन कूट पीसकर के मलमल कपडे से छानकर शीशी में भरकर रखे और रोज सुबह और शाम सोने से पहले यह मंजन करे.
पायरिया रोग में पीसी कालीमिर्च और इसकी दूनी तमभकु की काली रख सूती कपडे से छानकर रख दे. इसे सुबह शाम और रात में सोते समय दांतों पर धीरे धीरे मले
पायरिया व दाँतो को चमकीले व मजबूत बनाने के लिए (46)निम्बू के छिलकों का मंजन बनाए. छिलके सुख कर जल ले और उसमे कपूर व सेंधा नमक मिलाकर एक शीशी में भार ले. इस मंजन से पायरिया दूर होगा व दांत मसूड़े मजबूत होगे. दांत मोतियों की भांति चमकीले हो जाएंगे.
पायरिया होने पर भी निम्बू का रस और शहद मसूड़ों पर नियमित मलने से लाभ होता है. निरन्तर प्रयोग से पीप और पीप और रक्त निकलना बंद होता है. और दाँतो को मजबूती मिलती है.
पालक के रस में बराबर का पानी मिलकर कुल्ला करने से दांतों में खून आना बंद हो जाता है. पालक को दाँत रछक माना गया है.
पीपल का चूर्ण, शहद और घी तेनो मिलाकर दाँत के नीचे रखने या मालिश करने से दाँत का दर्द दूर होता है.
पीपल की जटा काटकर रोज दातुन करने से हिलते हुए हुए दन्त जम जाते है और मुंह की बदबू का नास होता है.
फिटकरी तवे पर फुला ले. उसमे नमक २-३ बुँदे सरसो का तेल और ६-७ बुँदे जामुन के पत्तो का रस मिलाकर दाँत साफ़ करने से दाँत चमक उठेंगे.
फिटकरी तवे पर फुला ले, उसमे सामन मात्र में नमक मिलकर एक दम महीन पीस ले. उसमे ज़रा सा सरसो का तेल मिलाकर ७ दिन में ३ दिन मंजन करने से लाभ होता है.
फिटकरी, सुहागा खील और सेंधा नमक - समान भाग लेकर रोज मंजन करने से बढ़ा हुआ पायरिया खत्म हो जाता है.
फूली हुई फिटकरी का पाउडर दांतों पर मलने से दाँत, मसूड़ों में दर्द, सूजन, खून निकलना, दुगंध रोकने का आसान व अचूक उपाय है. इससे दाँत व मसूड़े मजबूत होते है.
बबूल की कच्ची टहनियों से दातुन करने से पायरिया से बचाव होता है.
बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से मसूड़ों से खून निकलना बंद हो जाता है.
बबूल की लकड़ी जलाकर उसका कोयला पीस ले. उसी में चउथै भाग फिटकरी मिला ले. २ चुटकी मंजन सुबह शाम करे, हिलते दाँत वज्र के समान मजबूत और निर्मल हो जाएंगे.
बादाम के छिलके १ तोला जलाकर, एक तोला भुनी हुई फिटकरी और सेंधा नमक के साथ मिलाकर महीन पीस ले, फिर इसे एक साफ़ शीशी में भर ले.इस मजन से पायरिया दूर होगा व दाँत मसूड़े मजबूत होगे व दाँत मोतियों की भांति चमकने लगेंगे.
मसूड़े फूलना, दर्द टीस आदि होने पर भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक बराबर भाग पीसकर छानकर मसूड़े पर रगड़े और लार बाहर टपका दे.
मसूड़े फूलने पर एक चम्मच अदरक रस एक कप गुगुने पानी में चुटकी भर नमक मिलाकर दिन में तीन बार मुँह में कुल्ला की तरह पानी घुमाकर पीने से मसूड़ों की तीस, सूजन जैसे रोग दूर होते है. यदि मवाद हो तो केवल कुल्ला करके जल हु थूक दे.
मसूड़ों में दर्द, सूजन, दांतों में दर्द होने पर अमरुद के पत्तो को उबालकर कुल्ला करे.
मिट्टी के तेल से कुल्ला करने से पायरिया की बीमारी दूर होती है.
मुलेठी व मिश्री को चूसने से दाँत साफ़ होता है. दाँत के रोग भी ठीक होते है.
मूली के बीज, अकरकरा, अतीस, फिटकरी नमक- इन्हे बराबर मात्रा लेकर बिलकुल बारीक मंजन बनाए. ये बेस्वाद होगा, लेकिन दवा समझकर दांतों पर मंजन करने से गंदे से गंदे , मैले से मैले या पीले से पीले दिखने वाले दांत सफ़ेद चमकदार मजबूत हो जाएंगे.
मेथी कोपनि में उबलले फिर उबलेपानी और मेथीएक साथ दाँतोपर मलने सेमुंह के बदबूदूर होती हैऔर साथ हीदाँत स्वस्थ, सफ़ीदव चमकीले होतेहै
मेहँदी के पत्तो का काढ़ा बनाकर उसे ठंडा कर कुल्ला करने से दाँतो और मसूड़ों पर लगने पर दर्द व सूजन में रहत मिलती है।
मौलसिरी की छालकाफी समय तक, कुछ देर चबातेरहने से हिलतेहुए दाँत भीमजबूत हो जाते है।
यदि आपको दाँत से खून आने के शिकायत है , तो टमाटर का रस दिन तीन बार एक एक गिलर पिए. जल्दी आपका दाँतो से खून आना बंद हो जायेगा. कई बार कुछ खाने से दाँत खट्टे हो जाते है ऐसे में बदन चबाकर खाये या दाँतो पर नमक पिसा हुआ मले।
यदि आपको पायरिया की परेशानी है निम्बू का रस मसूड़ों पर बार बार मलते रहना चाहिए.इससे पायरिया धीरे धीरे करके कम या ख़त्म हो जाएगी।
यदि दाँतो में पानी लग रहा है तो माजूफल लेकर बारीक पीस ले और प्रतिदिन इसका मंजन करे, लाभ होगा. पैसे भी दाँत की मजबूती की नजर से माजूफल फायदेमंद है. यदि दाँतो में कमजोरी की वजह से रक्त निकल रहा होगा तो वह भी बंद हो जायेगा।
यदि दांतों में दर्द हो तो सीधा नमक, सरसो का तेल और निम्बू का रस मिलकर दांतों पर मंजन करे. दांतों का दर्द और दांतों का हिलना बंद हो जाता है ।
यदि रोजना महीन पीसा सेंधा नमक दाँतो पर मला जाये तो दाँतो में चमक आ जाती है. नौसादर, साथ, हल्दी और नमक-इनको कूट पीसकर चयन ले. फिर सरसो के तेल के साथ मिला ले. शौच से आने के बाद रोज दातुन कर मजन करे. इसके तीन महीने तक प्रयोग करने से पायरिया रोग दूर होता है।
राई चूर्ण को मलनेसे दाँत दर्दठीक हो जाताहै।
रीठे के बीज जलाकर कोयला बना ले. इसमें समभाग फिटकरी भुनी हुई मिलकर और खूब बारीक पीसकर मंजन बना ले. इस मंजन को यदि रोगी नियमित रूप से करे, तो हिलते हुए दाँत, दाँत दर्द साथ खून निकलना बंद हो जायेगा।
लसोड़े के क्वाथ से कुल्ले करने से मसूड़ों के रक्तस्राव में कमी आती है या बंद हो जाता है।
लौंग का तेल और कपूर का चरण दांतों पर मलने से लाभ होता है।
लौकी कागुदा ५० ग्राम, लहसुन १० ग्राम- दोनों को खरलकरके एक लीटरपानी में खूबपकए. जब पानीआधा जल जायेतो गुनगुने पानीसे कुल्ला करनेसे दाँत दर्दतुरंत ठीक होजाता है।
शलजम को दांतों से काट काटकर खाने से से दाँत निरोगी होते है।
शौच करते समय दाँत दबाकर बैठने से दाँत मजबूत रखते है। और लकवा आदि बीमारी का खतरा भी रहता है।
सप्ताह में एक बार मीठे सोडे से दाँत साफ़ किये जाये तो दांत मोती से चमकते है।
समुद्र फेन ६तोला, सोनगरु ६तोला, बादाम केजले हुए छिलके८ तोला, लौंग, कपूर और नीलाथोथा फुला हुआ१-१ तोला, दाल चीनी २तोला, फूली हुईफिटकरी ४तोला और सेंधानमक ४ तोला- इन सबको मिलकरबारीक पीसकर सूतीकपडे से चयनले, ये अतिउपयोग मंजन आपकेदाँत के सभीप्रकार के रोगोंको दूर करेगा।
सरसो के तेल में नमक मिलाकर मंजन करने से दाँत दर्द से छुटकारा मिलेगा, पर नमक एकदम बारीक पाउडर सा होना चाहिए।
सरसो डालकरपानी गरम करे। इस पानी सेकुल करने परदाँत दर्द ठीकहो जाता है।
सीधा नमक और फिटकरी ५ ग्राम डालकर पीतल के बर्तन में रखे और तेज आग पर चढ़ा दे। सब चीज़े जलकर भस्म हो जाये तो उतर कर बारीक खरल करे। यह दवा रोज सभी दांतों में थोड़ी देर मलकर कुछ देर बाद कुल्ला करे. इससे पायरिया की सभी विकृति दूर हो जाती है। दन्त दर्द भी मीट जाता है। और जबड़ा मजबूत होता है।
सीधा नमक, काली मिर्च और तम्बाकू की पत्तो बराबर भाग लेकर कूट पीसकर चरण करे और सरसो के तेल मिलकर रोज दांतों पे रगड़े। दन्त में कीड़े नहीं लगेंगे और दांत जड़ से मजबूत होगे।
सोते समय रात में गरम जल के साथ हरड़ लेने से दांत स्वस्थ रहते है।
हल्दी की गांठ को धीमी आँच पर भून ले। ठंडा होने पर इस गांठ को बारीक पीसकर सूती कपडे से छान ले।इसमें सीधा नमक भी मिला ले। इस मिश्रण को सुबह और रात सोने से पहले मंजन की तरह काम ले। दाँतो में दर्द और अन्य विकारों से रहत मिलती है।
हल्दी की गांठ भूनकर दर्द वाले दाँत के निचे दाबने से दाँत दर्द हो जाता है।
हिलते हुए दाँत में दर्द हो तो तिल के तेल में पिसा हुआ काला नमक मिलाकर मंजन करे।