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पथरी (stone) गुर्दे और मूत्राशय का देशी इलाज / Kidney Liver Stone- Pathari Ka ilaaj

सबसे पहले हम चर्चा करतें हैं कि पथरी क्या और कहाँ होती है। पथरी (इंग्लिश में Stone) गुर्दे और मूत्राशय दोनो मे हो सकती है। पथरी (रीनल स्टोन) गोल, अंडाकार, चपटी, चिकनी, खुरदरी, सख़्त, नरम, छोटी और आलू जैसी 2-3 इंच की हो सकती है. छोटे-छोटे पत्थर  के चूरे को मूत्र (पेशाब) रेणु कहते है। मूत्र रेणु सफ़ेद  और ईट की तरह लाल रंग के होते है। ये मूत्र रेणु ही आपस मे मिलकर टमाटर की तरह छोटे-छोटे पत्थर (stone) बन जाते है। जिनके मूत्र (पेशाब) मे केल्सियम अधिक आता है उनको पथरी अधिक बनती है।


पथरी रोग मे पेशाब करते समय दर्द होता है। पेशाब (मूत्र) रुक-रुक कर आता है। मूत्र (पेशाब) केसाथ पीप याकभी-कभी खूनभी आता है। लिंग के अगलेहिस्से मे दर्दभी होता है। पथरी (stone)जबमूत्राशय मे उतारआती है तो तब बहुत ज्यादा तड़पने वाला दर्द होता है। दर्द केकारण पथरी रोगीका जी मिचलाना, उल्टी आदि होने लगता है। पेशाब करते समय और पेशाब के बाद लिंग मुण्ड मे दर्द, जलन होने के साथ बार-बार पेशाब आता है।

ज्ञान गुरु के अनुसार पथरी के घरेलू उपाय इस प्रकार हैं :-

कलमीशोरा 3 ग्राम, तेलिया सोहागा 3 ग्राम पीसकर, एक 125 m.l दूध वा एक 125 m.l  पानी मे मिलकर  पीने से पथरी (स्टोन) रोग मे बहुत फ़ायदा होता है।

चंदन के तेल की 10 बूँदो को बताशे मे भरकर दिन मे 3 बार खाने से पथरी रोग के इलाज मे कारगर है।

फिटकरी का फूला 1.5 ग्राम, कलमीशोरा 1.5 ग्राम और शक्कर 25 ग्राम, पानी मे मिलकर रोगी को रोज पीलाने से पथरी रोग ठीक हो जाता है।

अंगूर के एक ताजे पत्ते को आधे नींबू के रस मे खरल करके रोगी को खिलाने से पथरी मे बहुत फायदा होता है।

फिटकरी का फूला 3 ग्राम को, 250m.l छाछ(मठ्ठे) मे डालकर रोज दिन मे 2 बार पीने से पथरी (स्टोन) गल के ख़तम हो जाती है।

5 ग्राम पीसी हुई हल्दी, 50 ग्राम पुराने गुड मे मिलकर रोज 10 ग्राम, चावल की 1 ग्राम कांजी मे लेने से पथरी रोग मे रहत मिलता है।

गोखरू, किरमला की गिरी, डाभ की जड़, कास की जड़, आंवला, हरड़ की छाल सभी को 25 ग्राम मात्रा लेकर, 50 ग्राम जाव के साथ कूटकर, एक लीटर पानी मे काढ़ा बनाकर रोज 25 ग्राम शहद के साथ लेने से पथरी ठीक हो जाती है।

25 ग्राम पेठे के रस मे चुटकी भर भूनी हींग डालकर पीने से पथरी रोग मे रहत मिलती है।

गोखरू 10 ग्राम के चूरन मे 25 ग्राम शहद मिलकर भेड़ के दूध के साथ पिए, तो पथरी दर्द को कम करता है।

एक अंजीर के  टुकड़े करके दूध मे डालकर उबाले. इस दूध को रात को सोते समय एक घंटा पहले ही घूँट-घूँट करके पीते हुए अंजीर के टुकड़े चबा-चबाकर  खा जाए, सुबह खुला दस्त आएगा। ये नुस्ख़ा पथरी को काट या गला देता है और पथरी पेशाब के रास्ते शारीर से बाहर निकल जाती है।

स्टोन या पथरी हो जाने पर  आधा कप मूली के पत्तो के रस  मे 2 ग्राम शोरा मिलकर कुछ दिन सुबह रोज पानी से पीने से पथरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाती है।

अंगूर के रस या पुराने घी के साथ केसर आधा ग्राम की मात्रा मे रोज लेने से पथरी रोग ठीक हो जाता है।

मौलसिरी के फूल का शरबत पेशाब (मूत्राशय की पथरी) और गुर्दे के पथरी के लिए बहुत  लाभदायक है। इससे पथरी गलकर या घुलकर पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाती है।

पथरी रोग से परेशान  इंसान को भोजन के उपरांत खरबूजे का सेवन करना चाहिए, पथरी रोग मे ज़रूर लाभ होगा।

सूखे आवले को कूट-पीसकर चूरन बना ले और इस चूरन को कुछ दिन तक मूली के साथ लेने से पथरी रोग से छुटकारा मिल जाएगा।

गाजर के बीज और शलजम के बीज 2-2  ग्राम ले और एक मूली को अंदर से खोखला करके उसमे भर ले और मूली का मूह बंद करके ग्राम राख मे भरते की तरह  भुन ले। जब भुन जाए तो बीज निकल ले. 25 ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ 40 दिन खाए। पेशाब खुलकर आएगा और पथरी शरीर  से बाहर  निकल जाएगी।

लोहे की अंगूठी दाहिने हाथ की मधियमा (बीच की उंगली) मे पहनने से  पथरी का दर्द कम हो जाता और जल्दी ही बंद हो जाता है।

नाशपाती और बब्बूगोशा(राम-फल) का रस  दिन मे 5 बार पिए पथरी रोग ठीक हो जाता है।

नीम  के पत्तो को छाया मे सुखकर किसी बर्तन मे जलाए। जल पाने पर बर्तन धक  कर रख दे। 4 घंटे बाद इन्हे पीस ले. यह पत्तियो की राख एक चम्मच ठंडे पानी के साथ रोज 3 बार ले ।


गुर्दे की पथरी (किड्नी स्टोन) का देशी इलाज :-

ककड़ी के बीजो को मिश्री के साथ पीसकर  पिलाने से पथरी के रोगी का दर्द और पथरी ख़त्म हो जाती है।

गुर्दे (किड्नी स्टोन) और मूत्राशय (लिवर स्टोन) पथरी हो तो रात को चने की दाल  भेगो दे, सुबह उस दाल मे शहद  मिलकर खाए।पथरी स्टोन गाल कर बाहर निकल जाएगी।

मूली के बीजो का चूरन सुबह  शाम पीने से पथरी मे बहुत लाभ होता है।

पथरी रोगो मे या गुर्दे के अन्य रोगो वा पेशाब मे जलन या खुलकर पेशाब ना आने पर पालक के एक कप  रस मे आधा कप नारियल का पानी लेने से उपयुक्त सभी रोग ठीक हो जाएगे।

जिन लोगो को पथरी की परेशानी है उन्हें कुलथी के आटे की रोटिया हरी सब्जी के साथ खानी चाहिए।

सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे (किड्नी स्टोन) और मूत्राशय (लिवर स्टोन) पथरी पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है।

मूली का रस 100 ग्राम मिश्री मिलकर सुबह बिना कुछ खाए पिए लेने से पथरी का दर्द  को कम करता है और पथरी को गलाता है। मूली के पत्तो को भी पथरी रोगी हमेंसा चबा-चबाकर खाए।

गोखरू का 5 ग्राम चूरन शहद मे चाटते रहने रहे. ऊपर  से पानी पी ले। पथरी टूट-टूट कर निकल जाएगी।

एक गाजर 50 ग्राम दही और मठ्ठे  में उबले. इसमें सहद मिलकर खाये। पथरी टूट-टूट कर निकल जाएगी।

गेहू और चने उबालकर चयन ले  और वही पानी पी ले। बचे गेंहू और चने को पीसकर रोटी बनाकर खा ले। 45 दिन मे चाहे गुर्दे की पथरी (किड्नी स्टोन) हो या मूत्राशय की पथरी (लिवर स्टोन) पथरी खंड खंड होकर निकल जाती है।


केवल खीरे का रस या केवल चुकंदर का रस 30 ग्राम  दिन मे 4 बार पीने से भी पथरी निकल जाती है।