सर्दी, जुकाम, खांसी होने पर निम्न घरेलु उपाय कर सकते हैं / Sardi,jukam,khansi hone par ghrelu upchar
सर्दी, जुकाम, खांसी होने पर निम्न घरेलु उपाय कर सकते हैं / Sardi,jukam,khansi hone par ghrelu upchar :–
* एक गिलास गरम दूध में आधी(1/2) चम्मच सोंठ पाउडर एवं चौथाई(1/4) चम्मच हल्दी पाउडर डाल कर पीने से गले के दर्द, खांसी, जुकाम सर्दी में तुरंत आराम आ जाता है।
* सर्दी, जुकाम एवं नाक बंद होने पर नमक के पानी से गरारे करना तथा गरम पानी में विक्स जैसी दवा या कर्पूर धारा डाल कर भाप लेना बहुत फायदेमंद है।
* बार बार जुकाम होना, छींकें आना, नाक बंद होना यदि लगातार होता रहे तो साइनोसाइटिस ,दमा ,टॉन्सी लायटिस की सम्भावना बढ़ जाती है एवं इन्फेक्शन कान के परदे तक पहुँच जाता है, जिससे जब तक अंग्रेजी दवाइयाँ खाते हैं आराम रहता है, दवाइयाँ बंद करते ही प्रॉब्लम दुबारा शुरू हो जाती है या डॉक्टर ऑपरेशन के लिए बोल देते हैं,कई बार ऑपरेशन के बाद भी प्रॉब्लम दुबारा शुरू हो जाती है, ऐसी अवस्था में आयुर्वेद की दवायें लक्ष्मी विलास रस, बसंत मालती रस, सितोपलादि चूर्ण , कंटकारी अवलेह, गोजिव्ह्यादि , गोदन्ती, षड्बिन्दु आदि दवायें बहुत फायदेमंद होती हैं, इनका सेवन आयुर्वेद डॉक्टर की सलाह से ही करें।
* एक गिलास गरम दूध में आधी(1/2) चम्मच सोंठ पाउडर एवं चौथाई(1/4) चम्मच हल्दी पाउडर डाल कर पीने से गले के दर्द, खांसी, जुकाम सर्दी में तुरंत आराम आ जाता है।
* सर्दी, जुकाम एवं नाक बंद होने पर नमक के पानी से गरारे करना तथा गरम पानी में विक्स जैसी दवा या कर्पूर धारा डाल कर भाप लेना बहुत फायदेमंद है।
* बार बार जुकाम होना, छींकें आना, नाक बंद होना यदि लगातार होता रहे तो साइनोसाइटिस ,दमा ,टॉन्सी लायटिस की सम्भावना बढ़ जाती है एवं इन्फेक्शन कान के परदे तक पहुँच जाता है, जिससे जब तक अंग्रेजी दवाइयाँ खाते हैं आराम रहता है, दवाइयाँ बंद करते ही प्रॉब्लम दुबारा शुरू हो जाती है या डॉक्टर ऑपरेशन के लिए बोल देते हैं,कई बार ऑपरेशन के बाद भी प्रॉब्लम दुबारा शुरू हो जाती है, ऐसी अवस्था में आयुर्वेद की दवायें लक्ष्मी विलास रस, बसंत मालती रस, सितोपलादि चूर्ण , कंटकारी अवलेह, गोजिव्ह्यादि , गोदन्ती, षड्बिन्दु आदि दवायें बहुत फायदेमंद होती हैं, इनका सेवन आयुर्वेद डॉक्टर की सलाह से ही करें।