किसी और की सूरत में
ढूंढती है वो मुझे ,किसी और की सूरत में…..
नहीं मिलूँगा फिर उसे , पर कैसे समझाऊं उसे कि प्यार हूँ मैं….
नहीं मिलूँगा फिर उसे , पर कैसे समझाऊं उसे कि प्यार हूँ मैं….
आदत है पुरानी मेरे हंसते रहने की
दिल के दर्द रोकर सबको दिखाए जाएँ , ये जरूरी तो नहीं .
उसने हमें जीते जी मार दिया
उसने मुझे दर्द अपार दिया , प्यार के बदले .
तो भले ये जख्म भर जायें , मोहब्बत जब जख्म देती है
लेकिन गहरे निशान छोड़ जाते हैं.
दिल की खूबसूरती लुभाती नहीं अब किसी को , हुस्न के दीवाने हैं सब यहाँ
सच्ची मोहब्बत अब भाति नहीं इनको , चार पल का नशा है मोहब्बत इनके लिए.