जिस मोहब्बत पर मुझे कभी फक्र था
अब मेरी वही मोहब्बत बुरे ख्वाब की तरह मुझे डराती है.
ए दोस्त हम चलो एक-दूसरे से इस तरह मिल जाएँ
कि इस पल को जी लें हम सौ बरस की तरह.
ए दोस्त किसी बेवफा को खुदा कहने से बड़ी भूल क्या होगी
जो आज अपनी न हुई, वो मेरी क्या होगी.