विजया दशमी की सभी को प्यारी शुभकामनाएं
मोहब्बत करने वालों का यही हश्र होता है,
दर्द-ए-दिल होता है, दर्द-ए-जिगर होता है,
बंद होंठ कुछ ना कुछ गुनगुनाते ही रहते हैं,
खामोश निगाहों का भी गहरा असर होता है।
दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं

मेरा तुझ से मिलना मेरे लिए ख़्वाब सही,
पर मैं तुझे भूल जाऊ ऐसा लम्हा मेरे पास नही
हॅपी विजया दशमी
बुझने लगी हो आंखे तेरी, चाहे थमती हो रफ्तार
उखड़ रही हो सांसे तेरी, दिल करता हो चित्कार
दोष विधाता को ना देना, मन मे रखना तू ये आस
“रण विजयी” बनता वही, जिसके पास हो “आत्मविश्वास”
दर्द-ए-दिल होता है, दर्द-ए-जिगर होता है,
बंद होंठ कुछ ना कुछ गुनगुनाते ही रहते हैं,
खामोश निगाहों का भी गहरा असर होता है।
दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं

मेरा तुझ से मिलना मेरे लिए ख़्वाब सही,
पर मैं तुझे भूल जाऊ ऐसा लम्हा मेरे पास नही
हॅपी विजया दशमी
बुझने लगी हो आंखे तेरी, चाहे थमती हो रफ्तार
उखड़ रही हो सांसे तेरी, दिल करता हो चित्कार
दोष विधाता को ना देना, मन मे रखना तू ये आस
“रण विजयी” बनता वही, जिसके पास हो “आत्मविश्वास”