घर में घड़ी को किस दिशा में लगाया जाता है / Ek Watch Ko Ghar me Kahan Lagana Chahiye ?
घर में घड़ी को किस दिशा में लगाया जाता है / Ek Watch Ko Ghar me Kahan Lagana Chahiye ?
आज से काफी सालों से शुरू समय यंत्र को हर घर में रखा या लगाया जाता है। किसी भी घर के लिए घड़ी एक जरूरी यंत्र है। यह हमें कुदरत की सबसे अनमोल सौगात यानी समय की जानकारी देती है। वैज्ञानिक प्रयोग के कारण प्राचीन काल से लेकर आज तक घड़ी के स्वरूप में अनेक बदलाव हो चुके हैं लेकिन एक चीज कभी नहीं बदली। वो है - समय। समय हमेशा अपनी नियमित गति से चलता है। यह कभी किसी का इंतजार नहीं करता।
भारतीय वास्तु - शास्त्र और चीन के फेंगशुई में भी बताया गया है कि घड़ी मनुष्य के लिए कैसे अच्छा और बुरा समय लेकर आ सकती है। घर में घड़ी से संबंधित कौन-सी बातों का हमें ध्यान रखना चाहिए।
इस बारे में अनेक नियम हैं। इससे हम जीवन में शुभ समय की शुरुआत कर सकते हैं।
आइये जानिए उन नियमों के बारे में...
एक घड़ी लगाने के लिए उत्तर, पूर्व तथा पश्चिम दिशा को उत्तम माना जाता है। इनमें से किसी एक दिशा में घड़ी लगाने से घर में शुभ समय आता है।
कार्यस्थल पर बंद एक घड़ी भी नहीं रखनी चाहिए। वास्तव में बंद घड़ी ठहराव और पतन का सूचक होती हैं। घर में भी बंद घड़ी शुभ नहीं मानी जाती। अगर ऐसी घड़ी चलने लायक न हो तो उसे उतारकर पुराने सामान के साथ रख देना चाहिए।
बहुत पुरानी, बार-बार खराब होने वाली और धुंधले शीशे वाली घड़ियां भी शुभ नहीं मानी जातीं। ये परिवार की सफलता में बाधक होती हैं। इससे परिश्रम का उचित फल नहीं मिलता।
दक्षिण दिशा यम का रास्ता मानी जाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो मृत्यु की दिशा। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दक्षिणी हिस्से में कभी घड़ी नहीं लगानी चाहिए। दक्षिण में लगाई हुई घड़ी परिजनों की आयु और सौभाग्य के लिए अशुभ मानी जाती है।
कार्यस्थल पर ऐसी घड़ी होनी चाहिए जो आकार में कुछ बड़ी, साफ और दिखने में सुंदर हो। बहुत पुरानी और रुक-रुक कर चलने वाली घड़ी कार्यालय में नकारात्मक ऊर्जा तथा सुस्ती लाती हैं।
घड़ी का समय बिल्कुल सही या दो-तीन मिनट आगे रखना चाहिए। निर्धारित समय से पीछे रखने से जीवन में बाधाएं आती हैं। ऐसा व्यक्ति परिश्रम का फल तथा प्रसन्नता प्राप्त करने में पीछे रहता है। वहीं, इससे दैनिक कार्यों में भी परेशानी हो सकती है।
कमरे का दरवाजा ऐसा स्थान है जहां से मनुष्य ही नहीं प्रकृति की ऊर्जा भी प्रवेश करती है। दरवाजे पर घड़ी लगाना शुभ नहीं माना गया है। कहते हैं कि इससे घर में खुशियों के क्षण प्रवेश नहीं करते और परिवार में अच्छा माहौल नहीं रहता।
आज से काफी सालों से शुरू समय यंत्र को हर घर में रखा या लगाया जाता है। किसी भी घर के लिए घड़ी एक जरूरी यंत्र है। यह हमें कुदरत की सबसे अनमोल सौगात यानी समय की जानकारी देती है। वैज्ञानिक प्रयोग के कारण प्राचीन काल से लेकर आज तक घड़ी के स्वरूप में अनेक बदलाव हो चुके हैं लेकिन एक चीज कभी नहीं बदली। वो है - समय। समय हमेशा अपनी नियमित गति से चलता है। यह कभी किसी का इंतजार नहीं करता।
भारतीय वास्तु - शास्त्र और चीन के फेंगशुई में भी बताया गया है कि घड़ी मनुष्य के लिए कैसे अच्छा और बुरा समय लेकर आ सकती है। घर में घड़ी से संबंधित कौन-सी बातों का हमें ध्यान रखना चाहिए।
इस बारे में अनेक नियम हैं। इससे हम जीवन में शुभ समय की शुरुआत कर सकते हैं।
आइये जानिए उन नियमों के बारे में...
एक घड़ी लगाने के लिए उत्तर, पूर्व तथा पश्चिम दिशा को उत्तम माना जाता है। इनमें से किसी एक दिशा में घड़ी लगाने से घर में शुभ समय आता है।
कार्यस्थल पर बंद एक घड़ी भी नहीं रखनी चाहिए। वास्तव में बंद घड़ी ठहराव और पतन का सूचक होती हैं। घर में भी बंद घड़ी शुभ नहीं मानी जाती। अगर ऐसी घड़ी चलने लायक न हो तो उसे उतारकर पुराने सामान के साथ रख देना चाहिए।
बहुत पुरानी, बार-बार खराब होने वाली और धुंधले शीशे वाली घड़ियां भी शुभ नहीं मानी जातीं। ये परिवार की सफलता में बाधक होती हैं। इससे परिश्रम का उचित फल नहीं मिलता।
दक्षिण दिशा यम का रास्ता मानी जाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो मृत्यु की दिशा। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दक्षिणी हिस्से में कभी घड़ी नहीं लगानी चाहिए। दक्षिण में लगाई हुई घड़ी परिजनों की आयु और सौभाग्य के लिए अशुभ मानी जाती है।
कार्यस्थल पर ऐसी घड़ी होनी चाहिए जो आकार में कुछ बड़ी, साफ और दिखने में सुंदर हो। बहुत पुरानी और रुक-रुक कर चलने वाली घड़ी कार्यालय में नकारात्मक ऊर्जा तथा सुस्ती लाती हैं।
घड़ी का समय बिल्कुल सही या दो-तीन मिनट आगे रखना चाहिए। निर्धारित समय से पीछे रखने से जीवन में बाधाएं आती हैं। ऐसा व्यक्ति परिश्रम का फल तथा प्रसन्नता प्राप्त करने में पीछे रहता है। वहीं, इससे दैनिक कार्यों में भी परेशानी हो सकती है।
कमरे का दरवाजा ऐसा स्थान है जहां से मनुष्य ही नहीं प्रकृति की ऊर्जा भी प्रवेश करती है। दरवाजे पर घड़ी लगाना शुभ नहीं माना गया है। कहते हैं कि इससे घर में खुशियों के क्षण प्रवेश नहीं करते और परिवार में अच्छा माहौल नहीं रहता।