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दस्त यानि पेचिश के देशी उपाय / Dast Ya Pechis Ke Deshi Upay

पेचिश (pechis) रोग या आँव आना मुख्यता मक्खियो द्वारा फैलता है। पेचिश  रोग के रोगाणु रोगी के मल मे रहते है। मक्खिया इस मल पर बैठकर रोगाणुआओ को अपने साथ ले जाती जाती है और खाने-पीने की चीज़ो पर बैठकर इन्हे वही छोड़ देती है। उन चीज़ो को खाने वाले के शरीर मे रोगाणु चले जाते है और पेचिश  रोग हो जाता है। कच्चा व अनपचा भोजन, जब ज्यादा लंबे समय तक तक पेट मे रहता है तो पाचन तंत्र बिगड़ जाता है और दस्त व पेट के बहुत से रोग पैदा हो जाते है।


पेचिश यानि दस्त के लक्षण:- 
हम सभी को ये तो पता है कि पेचिश  मे बार-बार सोच के लिए जाना पड़ता है और एक दिन में 25 बार तक दस्त हो सकते है। पेट मे बार बार ऐठन होती है। मल के साथ आँव और कभी खून भी आता है। इस तरह के खून आने को खूनी पेचिश  भी कहते है। पेचिश  2 प्रकार की होती है-
1) एमीबा पेचिश - इसमे रोगी को दिन भर पेट मे मरोड़ होकर 4 से 6 तक दस्त आते है. दस्त मे आँव  निकलता है। आयतन के साथ लाल या सफेद आँव  वाले दस्त दोनो ही लगते है।
 2) वैसीलरी पेचिश - इसमे दिन भर मे 25 बार तक दस्त तक हो जाते है। इसमे पेट बहुत ज्यादा ऐठता है। दस्त के साथ खून अधिक आ जाने के कारण रोगी कमजोर या निर्बल हो जाता है और साथ ही  बुखार आ जाता है।




 पेचिश यानि दस्त के देशी उपाय :-

पेचिश में छाछ (लस्सी) पीने से लाभ होता है।

केले की फली खाण्ड लगाकर खाए तो ये बढ़िया मेडिसिन है.

1 ग्राम सोंठ का चूर्ण गरम पानी के साथ लेना चाहिए। इससे पुरानी पेचिश  भी ठीक हो जाएगी।

अनार का रस पीना पेचिश मे फयदेमंद है।

ताज़ा, कोमल, हरे करी पत्ते चबाकर खाने से पेचिश  मे आराम मिलता है।

इमली के बीजो के ऊपर लाल छिलका पेचिश का उत्तम इलाज है।

8-10 काली मिर्च पीसकर या चबाकर खाए और एक गिलास पानी पिए। इस प्रकार पेचिश मे लाभ होगा

गन्ने के रस  मे अनार का रस डालकर पिए पेचिश  मे आराम मिलेगा।

आम की गुठली को पीसकर छाछ के साथ पीने से पेचिश रोग मे आराम मिलता है।

नींबू की शिकंगी, ग्लूकोस पीना, दही के साथ मेथी खाना आदि पेचिश  के  रोग मे लाभकारी  है।

काली गाजर का रस  पीने से पुरानी से पुरानी सभी तरह की पेचिश  ठीक हो जाती है।

खूनी पेचिश  मे मट्ठा के साथ चुटकी भर जावित्री चूरन लेना पेचिश  की राम-बाण दावा है।



अनारदाना, सौफ़, धनिया- तीनो बराबर मात्रा मे लेकर चूरन कर ले. 2 ग्राम चूरन मे 1 ग्राम मिश्री मिलकर दिन 4 बार लेने से खूनी दस्त, खूनी आँव मे आराम मिलता है।

सौफ़ को गरम जल मे उबालकर छान ले और तोड़ा सा काला नमक मिलाकर 2-3 बार  पीने से पेचिश  ठीक हो जाती है।

जामुन के पेड़ की छाल 20 ग्राम लेकर काढ़ा बनाए। उसमे 20 ग्राम शहद मिलाकर पीने से पेचिश व खूनी पेचिश ठीक हो जाती है।

पेचिश रोग मे एक महीने तक सूखे आवले रात मे भिगोकर सुबह उसका पानी छानकर पीने से पुराने से पुराना पेचिश  मिट जाता है।

जामुन का रस को गुलाब-जल मे बराबर मात्रा मे मिलकर और थोड़ी सी चीनी मिला लेने के बाद, पिलाने से खूनी पेचिश ठीक हो जाती है।

पेचिश मे नीम की पत्तियो का रस  एक छोटे चम्मच की मात्रा मे लेकर मिश्री मिलाकर सेवन करने से पेचिश  ठीक हो जाती है।

पकी इमली का गुदा 20 ग्राम, पका केला 10 ग्राम और काला पीसा नमक 5 ग्राम ले. इनको मिलकर दिन मे 3 बार 5 से 10 ग्राम की मात्रा  मे सेवन करने से  पेचिश , पेट मे मरोड़ और पतले दस्त ठीक हो जाते है।

बेल के फल, नागरमोथा, धायफूल, मोचरस, सोंठ  के बराबर भाग लेकर बनाया हुआ चूरन 3-3 ग्राम की मात्रा मे  लेकर 3 बार दिन मे खाने से डाइसेंट्री (पेचिश ) ठीक हो जाएगी।

अनार के कच्चे फल का रस  निकल कर पीने से आँव  रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है। आधा कप रस रोज खाली पेट लेने से पेचिश  ख़तम हो जाती है।

पुरानी पेचिश  मे बेल का सूखा गुदा बहुत दयदा करता है। सुखी बेल को फोड़कर पानी मे भेगो दे, गुदा पानी मे फूल जाएगा।

आँव  के रोगी को सुबह शाम कम खाना चाहिए और दोपहर के खाने के बाद सिका हुआ जीरा और सेधा नमक मिलाई हुई छाछ को पीने से बहुत लाभ मिलता है।

सुखाए हुए संतरे के छिलके और सूखे मुनक्के के बीज बराबर मात्रा मे घोटकर पिलाने से रोगी के दस्त बंद हो जाते है। 3-4 दिन लगातार लेने से आँव  बंद हो जाता है।

राल 20 ग्राम को कूट-पीसकर सूती कपड़े मे छान ले। इसकी 3 पूडिया बना ले। रोज एक पूडिया 200 ग्राम दही मे चीनी मिलकर कर रोगी को सेवन कराए। 3 दिन मे पेचिश ठीक हो जाएगी।

पेचिश होने पर पके हुए केले मे थोड़ा सा भूना हुआ जीरा और एक चुटकी काला नमक मिलाकर खाने से बहुत जाड़ा लाभ आएगा।



2 आम की गुठली की गिरी और 10 जामुन की गुठलिया- इनको पीसकर चूरन बना ले और बराबर की मिश्री डाल ले। 10 ग्राम चूरन की 4 मात्रा बना ले और दिन मे 4 बार ताजे पानी से फाँक ले। खूनी पेचिश  दूर हो जाएगी।

बराबर भाग मे लिए गये धनिया, सोंठ, नागरमोथा, नेत्रबाला वा बेलगिरी. इन सब की 10-10 ग्राम मात्रा को दिन मे 2 बार पानी मे उबाल कर क्वाथ बनाकर पीने से 14-21 दिन मे डाइसेंट्री (पेचिश ) जड़ से ख़त्म हो जाता है।

सूखा धनिया 10 ग्राम या हारे धनिया की पत्तियो और सौफ़ 10 ग्राम को पानी मे भिगोकर मसलकर छान कर पीने से आँव  रोग ठीक हो  जाता है। आँव  और पतले दस्त से पैदा हुई बेचानी दूर करने के लिए भूनी मेथी दही  के  मठ्ठे साथ सेवन करे।

एक छटांक सुखे आवले व 1.5 तोला जीरा घी मे भुन ले.। फिर 1.5 माशा भूनी हींग और थोड़ा सा सेधा नमक ले और इन चीज़ो को मिलाकर पीसकर रख ले। दही को कपड़े मे बांधकर लटका दे, पानी निचोड़ने पर ऊपर वाले मिश्रण को मिलाकर रोज सुबह-शाम सेवन करे। इससे आतिसार और आमाशय  दोनो मे जल्दी लाभ होगा।

पाचन शक्ति कमजोर होने के कारण भोजन अच्छी तरह से पच नही पता है, जिससे मल मे बदबू आने लगती है। ऐसे मे काली मिर्च, जीरा, सोंठ, सेधा नमक, पीपल को बर्बर मात्रा मे पीस ले। रोज भोजन के बाद एक चम्मच पानी के साथ सेवन करे। इससे भोजन जल्दी हजम होगा और  हाजमा सही  रहेगा।

खाना ठीक से हजम नही होने और आँव  युक्त होने पर कालीमिर्च, सेधा नमक, अजवाईं, सूखा पुदीना और बड़ी इलायची सब बराबर मात्रा मे लेकर पीस ले और सुबह शाम भोजन के बाद एक चम्मच पानी के साथ ले। कुछ दिनों  ये ट्रीटमेंट करने से  पेचिश और हाजमा सही हो जाएगा।

100 ग्राम सौफ़ को तवे पर भूनकर पीस ले। इसमे इतनी ही मात्रा मे पीसी हुई मिश्री मिला ले। भोजन के बाद इसको 2 चम्मच सुबह शाम ठंडे पानी से फांक ले। इससे कभी आँव  नही पड़ेगा और पाचन शक्ति अच्छी बनी रहेगी और खूनी पेचिश  मे लाभ मिलेगा।
खाना सही से हजम ना होने कारण पेट मे आँव बन जाता है, इसके लिए पाव भर दूध मे आधा चम्मच सोंठ का चूरन डालकर उबाल ले, कुछ अच्छा पक जाए तो  तब उतार  कर ठंडा करे। इसे सोते समय 4-5 दिन तक पीने से आँव  आना ख़तम हो जाता है।

खूनी दस्त या खूनी आँव  आने पर सौफ़ को घी मे भुन ले 25 का चूरन बना ले और एक-एक चम्मच पीसी फिटकरी और इन्द्रयंद चूरन मिलाकर रख ली। चौथाई से आधा चम्मच एक दिन मे 2 बार देने से  खूनी दस्त और खूनी आँव  आना ख़तम हो जाएगा।

जिस आँव  रोगी में  मल कम हो और पेट मे गैस अधिक बनती हो तब छोटी हरड़ भूनी हुई अजवाइन, सोंठ, पीपल, चित्रक वा काला नमक को बराबर भाग लेकर बनाया गया चूरन बहुत फाएेदेमंद है। इसे एक-एक चम्मच दिन मे 3 बार पानी के साथ लेना चाहिए. डाइसेंट्री (पेचिश ) मे आराम आएगा।


आँव , खून और मरोड़, वॉमिटिंग के बार-बार दस्त हो तो पहले एक दिन पीली हरड़ का चूरन एक चम्मच और आधा चम्मच छोटी पीपल का चूरन मिलाकर दिन मे 2 बार। सुबह जल्दी खाली पेट और रात को सोते समय, गुनगुने गरम पानी  से लेकर, दूसरे दिन से 3-4 दिन तक, दिन मे 3 बार, सफेद राल का चूरन 1 चम्मच और 1 चम्मच पीसी मिश्री मिलाकर पानी के साथ ले। ये आँव , खूनी दस्त, पेचिश सब ठीक कर देगा। ये नुस्ख़ा सरल, सुगम, जल्दी और सस्ता प्रभावशाली घरेलू उपचार है।