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हिंदी शायरी प्यार के साथ / Hindi Shayri Pyaar Ke Sath

 हिंदी शायरी प्यार के साथ / Pyaar Bari Hindi Shayri
 
ज़ख्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें;
हम खुद निशान बन गए वार क्या करें;
मर गए हम मगर खुलो रही आँखें;
अब इससे ज्यादा इंतज़ार क्या करें!




रात गुम सुम है मगर खामोश नही,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नही,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही।




तू तो हँस हँसकर जी रही है,
जुदा होकर भी..
कैसे जी पाया होगा वो,
जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं.




वो नहीं आती पर निशानी भेज देती है
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है
कितने मीठे हे उसकी यादो के मंज़र।
कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है!!