Haryanvi ki Gar ke Aage Aane ki Marod
रलदु के परिवार की फग्गु के परिवार गेल लड़ाई हो रह्यी थी ज्यांते उनकी
बोलचाल जमा ख़तम हो रही थी। एक बार फग्गु का दादा मरग्या।
जब फग्गु के दादा ती श्मशान में ले जावे थे तो रास्ते में रलदु का घर पड़े था।
रलदु लट्ठ लेके घर तै बहार आग्या -
अर फग्गु ती बोल्या "थाहरे ती न्यू कह्या थे की थाह्म म्हारे घर के आग्ये को न आ ज्य़ाइयो।
आज थारी हिम्मत किस तरियां होगी ?"
फग्गु बोल्या "हिम्मत दिखाने की जिद्द म्ह ए तो हाम्म आज अपणे दादा की नाड़ मोस कै ल्याए सां।
थारे इस तरियां चाहे कितने आदमी लाग ज्य़ाइयो पर हाम्म थाहमने अपणी हिम्मत दिखाकै ए मान्नंगे"
जब फग्गु के दादा ती श्मशान में ले जावे थे तो रास्ते में रलदु का घर पड़े था।
रलदु लट्ठ लेके घर तै बहार आग्या -
अर फग्गु ती बोल्या "थाहरे ती न्यू कह्या थे की थाह्म म्हारे घर के आग्ये को न आ ज्य़ाइयो।
आज थारी हिम्मत किस तरियां होगी ?"
फग्गु बोल्या "हिम्मत दिखाने की जिद्द म्ह ए तो हाम्म आज अपणे दादा की नाड़ मोस कै ल्याए सां।
थारे इस तरियां चाहे कितने आदमी लाग ज्य़ाइयो पर हाम्म थाहमने अपणी हिम्मत दिखाकै ए मान्नंगे"