गम को बुला देने वाली शायरी
बहुत है मेरे मरने पर रोने वाले मगर,
तलाश उसकी है जो मेरे रोने पर मरने की बात कह दे।😔
हम से खेलती रही दुनिया ताश के पत्तो की तरह।
जिसने भी खेला तकसीम(devide) कर दिया।
कभी सोंचता हूँ उसकी नज़रों के सामने मेरी मौत हो,
और मुझे छूने का हक़ सिर्फ उसे ही ना हो...!
मुझे बस इतना बता दो....
इंतजार करु या बदल जाऊ तुम्हारी तरह....!!!!!
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तुम रख ना सकोगे मेरा तौफ़ा संभालकर,
वरना मैं अभी दे दूं जिस्म से रूह निकाल कर.
सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो,
मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते...!
💓मुझे यकीन है मुहब्बत उसी को कहा करते हैं..
के ज़ख्म ताज़ा रहे और निशान चला जाये..💔😔