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प्यार न मिलने पर निराश न हों / Pyaar nahi milne par Nirash na ho

आज हर जवान युवा के सर पर आशिक बनने का जनून सवार है। इस बात को हम किसी प्रेमी की कहानी से शुरवात करतें हैं । किसी घर के पास चौराहे पर देखा एक बेसुध लड़के को उठाए कुछ लोग टैक्सी में बैठा रहे हैं। उसके हाथ में कोई कोचिंग क्लास का बैग भी टँगा था। मुझे पूछताछ करने पर पता चला कि उसने अपने हाथ की नस ब्लेड से काट ली थी और हाथ में एक पत्र भी लिख हुआ रखा था।

जब में शाम को घर पर अखबार पढ़ रहा था तब वो खबर पढ़ कर सारा माजरा का पता लगा कि प्यार में असफल होने पर उस युवक ने यह कदम उठाया था और अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शहर पढ़ाई करने के लिए आया था और वो किसी गरीब मां-बाप की इकलौती संतान था।

उसको प्यार तो हाथ लगा नहीं लेकिन जान से गए सो अलग? उसे क्या मिला ऐसा करके। जिसके लिए जान दे रहे हैं यह भी तो सोचें वह इस लायक था या नहीं।

वास्तव में कभी-कभी दिल और दिमाग के द्वंद्व में उलझा आदमी ऐसे कदम उठा लेता है। उसे लगता है कि अपनी जीवनलीला समाप्त करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। उसे शायद प्यार के अलावा कुछ और दिखाई देता ही नहीं है या वह देखना ही नहीं चाहता।

ऐसा कोई हरकत कभी आपके मित्र, प्रेमी/प्रेमिका ने की भी है तो इसमें आत्महत्या जैसा कदम उठाने की जरूरत क्या है। ऐसी स्थिति में आप अपने विश्वसनीय मित्रों की सहायता लें सकते हैं। उन्हें पूरी बात खुलकर बताएं। उनकी सलाह पर अमल करें।

गाँव व शहर में आज कई धार्मिक संगठन, आध्यात्मिक समूह आदि हैं। इनमें नियमित रूप से जाना शुरू कर दें। पहले-पहले हो सकता है यहां आपका मन न लगे क्योंकि इसके लिए आपको मन को खींचकर लाना होगा, पुरानी बातों को भूलना होगा, जिसमें थोड़ा समय जरूर लग सकता है। लेकिन निश्चित रूप से आप पहले जितना अपने प्रेमी/प्रेमिका में रमे थे, समय बीतने के साथ उतने ही यहां रम जाएंगे और आपका प्यार का भूत आपके दिल से निकल जाएगा।

हम आम जीवन में भी देखते हैं कि किसी कारण से पहली शादी टूट जाने पर व्यक्ति दूसरी शादी में अधिक खुशी-खुशी जीवन बिताने लगता है। ऐसी स्थिति में वह, परिजन आदि सभी को हम देखते हैं कि पहली शादी बनी रहने के प्रयासों और होने वाली परेशानियों की तुलना में अब वे बेहतर स्थिति में हैं।

* उन विशेष (नेत्रहीन या किसी न किसी प्रकार की अपंगता से ग्रसित) लोगों की ओर देखें जो सफल वैवाहिक जीवन निभा रहे हैं। निश्चित रूप से आपको प्रेरणा मिलेगी।

* दोस्तो एक सच्चाई जो हम सभी जानते हैं ऐसा कुछ भी घटनाक्रम आपके साथ नहीं हुआ जो पहली बार हुआ है। दिल टूटना, प्यार में असफल होना आदि परेशानियों से हजारों, लाखों लोग जूझ रहे हैं। ढूंढेंगे तो आपके आसपास फ्रेंडसर्कल, परिचितों में अनेक मिल जाएंगे। उन्हें अपनी मनोदशा बताकर उनसे चर्चा करें तो आपको कोई बेहतर मार्ग सूझा देंगे।

किसी काउंसलर के पास जाएं। उनसे बात करें। निश्चित रूप से वह आपकी उबरने में मदद करेंगे और ऐसा कोई रास्ता बताएंगे जो इससे तो बेहतर ही होगा।

साथियो कहते हैं न असफलता भी सफलता की पहली सीढ़ी बन जाती है। गर्लफ्रेंड और भी मिल जाएंगी, हो सकता है उससे अच्छी मिले। औरों की तरह इंसान तो होगी। आपको पसंद की लड़की मिल भी जाती, उससे शादी भी कर लेते तो क्या जीते जी स्वर्ग में भेज देती? यहां तक भी सोचने से परहेज न करें।

जी हां माफी चाहूंगा सच्चा प्यार करने वालों से। लेकिन इस तरह मौत को गले लगाना, जहर खाना, नशे की लत लगाना आदि की तुलना में तो ये कठोर शब्द कहीं हितकर हैं।

दूसरों की गलतियों की सजा इस प्रकार आत्मघाती कदम उठाकर खुद को न दें। इतना तो कठोर होने का प्रयास आप कर ही सकते हैं। घर के अन्य सदस्य हैं जिन्होंने आपसे तरह-तरह की उम्मीद लगाई हैं। उन्हें मूर्त रूप देने के बारे में सोचें न कि ऐसी नकारात्मकता को गले लगाएं।

जितना प्यार आप उस लड़की या लड़के से करते थे, खुद से करते थे। अब इसी टूटे ‍हुए दिल से भी करके देखें। किसी गाने के बोल हैं :-

रोने से कहीं अच्छा है तू गा ले झूम के

फूलों का जला दे सीना, कांटों को चूम के प्रेम रोग