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Uski yaadon ko / उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता

Uski yaadon ko
उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,

उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता|









फिर तेरा चर्चा हुआ, आँखें हमारी नम हुई,
धड़कने फिर बढ़ गई, साँस फिर बेदम हुई,
चांदनी की रात थी, तारों का पहरा भी था,
इसलिए ही शायद गम की आतिशबाजी कम हुई|