Aaj bhi hamare Desh main kuchh Ravan Jinda hai / आज कलयुग के समय का रावण का व्यवहार
आज कलयुग के समय का रावण का व्यवहार
भिक्षुक - माई भिक्षा
दे.
महिला - ले
लो महाराज...
भिक्षुक - माई ... ज़रा यह
द्वार पार करके
बाहर तो आना.
वह द्वार पार करके
बाहर आती है.
भिक्षुक -
(उसे पकड़ते हुए
) हा .. हा ... हा ... मैं
भिक्षुक नहीं, रावण हूं....
महिला - हा .. हा ... हा
... मैं भी सीता
नहीं, कामवाली बाई
हूँ
रावण : हा..हा..हा.. सीता
का अपहरण करके
आज तक पछता
रहा हूं, तुम्हें
ले जाऊंगा तो
मंदोदरी खुश हो
जायेगी. मुझे भी
कामवाली बाई की
ही ज़रूरत है..
महिला : हा हा हा
, सीता को ढूंढने सिर्फ
राम आऐ थे।
मुझे ले
जाओगे तो सारी बिल्डिंग
ढूंढते पहुंच जाएगी
।।